Wednesday, April 30, 2008

स्किन का सौंदर्य

रोज क्या करें

  1. सुबह के हल्के ब्रेकफास्ट के बाद संतरे का जूस लें ताकि विटामिन ई और सी आपको मिल सके। प्रयास करें कि ब्रेकफास्ट में दलिया, इडली आदि हो।

  2. त्वचा को सुंदर और स्वस्थ बनाने के लिये पौष्टिक संतुलित आहार लें, अपने भोजन में सलाद को शामिल करें। ढ़ेर सारा तरल पदार्थ और फलों का रस, पानी पियें ताकि पेट साफ रहें। ऐसा करने से त्वचा सदा कांतिमय बनी रह सकती है।


  3. अपने दिन की शुरुआत शहद और नींबू मिले गुनगुने पानी को पीकर करें। यह हर्बल साधन पाचन-शक्ति को अच्छा रखने के साथ ऊर्जा प्रदान करता है। आप रहती हैं पूरे दिन तरोताजा।

  4. हमेशा नहाने के बाद बॉडी लोशन तथा मॉइस्चराइजर अवश्य लगायें।

  5. हर संभव त्वचा को धूप के सीधे संपर्क से बचायें। बाहर निकलते वक्त चश्मा, छतरी, कैप कुछ भी प्रयोग करें। सनस्क्रीन या सनब्लाक लगायें।

  6. सर्दी के मौसम में चेहरा बार बार धोने से त्वचा की की प्राकृतिक रक्षात्मक तैलीय चिकनाई निकल जाती है अत: इस क्रिया को बार बार न दोहरायें।

Tuesday, April 29, 2008

जुल्फों में बहार - हेयर कलर की बयार!!

आजकल अपने बालों को कलर करना एक नया ट्रेन्ड बन गया है और फैशन की इस बयार का असर सभी एज ग्रुप के लोगों पर होता दिख रहा है।

कुछ लोंग अपने लुक को और बेहतर बनाने के लिये बालों को नया रंग देते है, तो कुछ के लिये यह एक मजबूरी है क्योंकि उन्हें अपने सफेद हो रहे बालों को छिपाना होता है। पर उन दिनों जिस आयु वर्ग में लोंगों में यह सबसे अधिक लोकप्रिय हो रहा है। उसका उद्देश्य अपने बालों की सफेदी को छुपाना हरगिज नहीं है। अपने लुक को तुरंत बदलने के लिये हेयर कलरिंग सबसे प्रभावकारी तरीका है। बाजार में लगातार पॉपुलर होते इस त्रेन्ड को अच्छे तरीके से समझ रहा है और शायद यही वजह है कि अलग-अलग तरह के बाल और उसके टेक्सचर को ध्यान में रखते हुये कंपनियां हेयर कलर मार्केट में ला रहे है।

और हाँ! इस दौरान उपभोक्ता यानी आपकी सहुलियत का भी पूरा ध्यान जा रहा है और इसलिये लिक्विड फार्म से लेकर पाउडर फार्म के रुप तक में हेयर कलर मार्केट में उपलब्ध है। हेयर कलरिंग की वजह चूँकि सिर्फ सफेद बालों को काला करना नहीं है, इसलिये ब्राउन, गोल्डन, बरगंडी, मैरून, पर्पल, हनी ब्राउन चैरी आदि तमाम कलर लुक व पसंद के आधार पर मांग में बने हुये है। इसके अलावा रेड और ब्राउन कलर युवाओं के बीच सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। गोरे लोगों पर अच्छा लगता है, जबकि सामान्य त्वचा पर रेडिश और पर्पल शेडका हेयर कलर अच्छा लगता है। बालों को कलर करे, लेकिन कोशिश करें कि सूरज की रोशनी डाइरेक्टली आपके बालों के रेड टोन को और भी ज्यादा हाइलाइट करती है।

  • बालों को धोने के लिये शैम्पू का चुनाव सोच-समझकर करें। यदि कलर्ड बालों के लिये आने वाले विशेष शैम्पू का उपयोग किया जाये, तो बेहतर होंम, शैंपू करने या फिर स्वीमिंग के बाद बालों में कंडीशनर जरुर लगायें, नहीं तो बाल रूखे हो सकते है।
  • यदि आपके बाल दोमुहे है तो कलरिंग से पहले बालों की ट्रीमिंग जरुरी है।
  • यदि आप बालों को कलर करने की योजना बना रही हैं तो उससे 4-5 महीने पहले बालों में मेहंदी न लगायें।
  • यदि सिर में किसी भी तरह की चोट या खरोंच हो तो उसके ठीक होने के बाद ही हेयर कलरिंग करें।

Monday, April 28, 2008

स्टाइल के साथ करें मेडिटेशन (Maditation with Style)

योग व व्यायाम करने की सही विधि की जानकारी के साथ यदि आसपास का वातावरण और आउटफिट भी एक्सरसाइज के अनुरुप हो, तो एक्सरसाइज करना सकून भरा हो जाता है, आपकी ड्रेस आपकी एक्सरसाइज को स्पेशल बना देती है। विभिन्न प्रकार की एक्सरसाइज के साथ इन दिनों एक्सरसाइज स्पेशल केपरीज व टी-शर्ट बाजार में उपलब्ध है

मटेरियल

योग व मेडिटेशन के दौरान पहने जाने वाले कपड़े कंफर्टेबल होने के साथ खुले होने चाहिये। इससे व्यायाम के दौरान सांस लेने में आसानी होती है तथा शारीरिक मूवमेंट में किसी प्रकार की दिक्कत नही होती। जहां तक संभव हो सिंथेटिक कपड़े न पहनें। सिंथेटिक कपड़े नमी सोख नही पाते। इस तरह के फैब्रिक में त्वचा सांस नहीं ले पाती। कॉटन व होजरी के कपड़े पहनना बेहतर है। यह पसीने को आसानी से सोख लेते है। यह पसीने को आसानी से सोख लेते है तथा मेडिटेशन के दौरान कोइ दिक्कत नही होती।

ड्रेस

व्यायाम के दौरान आपकी ड्रेस ऐसी होनी चाहिये जो शरीर को कवर करने के साथ फ्री मूवमेँट में बाधा बने। व्यायाम के दौरान शरीर का तापमान बढ़ जाता है। ऐसे में बहुत सारे कपड़े पहनना असुविधाजनक हो सकता है। वैसे आप सूट-सलवार पहनकर एक्सरसाइज कर सकती हैं, लेकिन टी शर्ट ट्राउजर पहनना अधिक सुविधाजनक होता है। टी शर्ट अधिक खुली नहीं नही होनी चाहिये। स्ट्रचेबल फैब्रिक से बनी टीशर्ट व्यायाम के दौरान पहनने के लिये उपयुक्त होती है।


पैरों में ट्रैक पैंट या किसी भी तरह की एक्सरसाइज पैंट पहन सकती है। बशर्ते मूवमेंट के दौरान किसी प्रकार की दिक्कत न हो। वैसे आपकी ड्रेस वातावरण की स्थिति और आप किस तरह की एक्सरसाइज करती हैं, उस पर भी निर्भर करती है, तो उसके लिये हल्के व कम कपड़े पहनना कंफर्टेबल रहेगा। कुछ महिलायें ध्यान करते समय शॉल लेना पसंद करती है। एक्सपर्ट के अनुसार सिल्क से बनी शॉल में ध्यान केंद्रित करने में आसानी होती है। पैरों के लिये खुली कैपरी, हैरम या बैलुन पैंट पहनना भी मेडिटेशन के लिये पूरी तरह से अनुकुल है। एक्सरसाइज के दौरान हमेशा आरामदायक स्नीकर पहनें। सही तरह के शूज पहनने से आपके जोड़ों पर दबाव कम पड़ेगा

एसेसरीज

मेडिटेशन के दौरान लेदर, प्लास्टिक, रबड़, सिंथेटिक और मेटल से बनी एसेसरीज से परहेज करें। बेल्ट, चेन व इयरिंग में बी सिंथेटिक मेटीरियल का इस्तेमाल न करें। वैसे आउटफिट को रंग-बिरंगा बनाने के लिये आप कलरफुल हेयर बैंड, कपड़े की वेलट और बैग आदि उपयों में ला सकती हैं ध्यान रखें कि आपके बाल सही तरीके से बंधे हों।

चाहें तो क्लिप्स व हेयर बैंड भी इस्तेमाल कर सकती हैं।

Saturday, April 19, 2008

मेकअप बदलती पसंद


सभी चाहते हैं कि उनके विवाह में सबका ध्यान उनकी तरफ हो पर खूबसूरत दिखने के लिये केवल मेकअप ही काफी नही हैं। विवाह के कुछ दिन पहले से करे अपनी सही देखभाल और पायें सबकी आँखों में अपने लिये तारीफ की चमक...........



ग्लॉसी मेकअप



ब्राइडल मेकअप तो डार्क होता ही है पर मैट के स्थान पर शिमर लुक लिये ग्लॉसी मेकअप एक बार फिर लोंगों की पसंद बनता जा रहा है। ठंड मे वेट लुक वाला मेकअप भी बेहद खूबसूरत लगता है।

हेयर एक्सेसरीज


एक तरफ जहां गजरा फैशन के बाहर होता जा रहा है, वही अन्य ताजे फूलों का बालों में सजाना लड़कियों की पसंद बन रहा है। आमतौर पर बुके आदि में इस्तेमाल किये जाने वाले इन फूलों की बालों में सजावट दुल्हन को एक अलग ही गेटअप देती है। लंबी चोटियों का स्थान आकर्षक जूड़ों ने ले लिया है। कर्ल किये बालों के ऊपर गोल्डन फिलर्स को ऐसे अंदाज में सजाया जा रहा है कि वे केश में पिरोये घुंघरुओं वाला लुक देते है।

फीचर करेक्शन


लोग लुक्स को लेकर काफी जागृत हो गयें है। फीचर करेक्शन कि जरिये साधारण नैन-नक्श को तीखे नैन-नक्श में परिवर्तित किया जा सकता है। जैसे आपके फूलें गाल हैं तो मेकअप के जरिये उन्हे छुपाया जा सकता है।

बिंदी


माथे के श्रंगार के लिये इन दिनो स्टकिंग बिंदिया या स्टोन्स इस्तेमाल किये जा रहे है। ज्यादातर दुल्हनें केवल एक बड़ी बिंदी ही लगाना पसंद कर रही है। यह बिंदी भी लंबी पसंद की जा रही है। कम्प्युटराज्ड कटिंग की ये बिंदियां बड़े मांग टीके के साथ लुभावनी लगती है।

मांग टीका


दुलहन का मां टीका भी अंदाज बदल रहा है। पहले नाजुक मांग टीके दुल्हन की पसंद हुआ करते थे, अब भारी टीकों की फरमाइश रहती है।

आई मेकअप


इन दिनों शिमर व शाइन मेकअप का ट्रेंड है, इसलिये आई मेकअप शोख होना चाहिये तभी जंचता है। आखों को चमकदार बनाने के लिये पिंक शिमर का प्रयोग किया जाता है। चाहें तो मल्टी शिमर ले सकते है। आखों को बड़ा दिखाने के लिये वाटरप्रूफ काजल का प्रयोग करें।

स्किन का सौंदर्य




रोज क्या करें



  1. सुबह के हल्के ब्रेकफास्ट के बाद संतरे का जूस लें ताकि विटामिन ई और सी आपको मिल सके। प्रयास करें कि ब्रेकफास्ट में दलिया, इडली आदि हो।


  2. त्वचा को सुंदर और स्वस्थ बनाने के लिये पौष्टिक संतुलित आहार लें, अपने भोजन में सलाद को शामिल करें। ढ़ेर सारा तरल पदार्थ और फलों का रस, पानी पियें ताकि पेट साफ रहें। ऐसा करने से त्वचा सदा कांतिमय बनी रह सकती है।


  3. अपने दिन की शुरुआत शहद और नींबू मिले गुनगुने पानी को पीकर करें। यह हर्बल साधन पाचन-शक्ति को अच्छा रखने के साथ ऊर्जा प्रदान करता है। आप रहती हैं पूरे दिन तरोताजा।


  4. हमेशा नहाने के बाद बॉडी लोशन तथा मॉइस्चराइजर अवश्य लगायें।


  5. हर संभव त्वचा को धूप के सीधे संपर्क से बचायें। बाहर निकलते वक्त चश्मा, छतरी, कैप कुछ भी प्रयोग करें। सनस्क्रीन या सनब्लाक लगायें।


  6. सर्दी के मौसम मेां चेहरा बार बार धोने से त्वचा की की प्राकृतिक रक्षात्मक तैलीय चिकनाइ निकल जाती है अत: इस क्रिया को बार बार न दोहरायें।


Thursday, April 17, 2008

जानवरों के बारे में विशेष जानकारी (special information about animals)



क्या आप जानवरों के बारे मे जानते है?
  • कंगारू के रक्त में बिल्कुल भी कालेस्ट्राल नहीं होता।

  • उल्लू अपनी गर्दन घुमाकर पीछे की ओर भी देख सकता है। इसकी नजर मनुष्य से सौ गुना तेज होती है।

  • नर घोडा के 40 दाँत होते है।

  • क्राउंड स्विफ्ट नामक पक्षी (Bird) का घोसला लगभग डेढ़ इंच का होता है।

  • स्तनधारी जीवों में सबसे छोटी पूंछ वाला श्रयु जीव (Creatures) बहुत विषैला होता है।

क्या आप जानवरों के बारे मे जानते है? (हिन्दी वेबसाइट!)
  • चिली देश की मुर्गी (Hen) नीले रंग का अंडा देती है।

  • जैली फिश (Jelly fish) जंतु छतरी के समान दिखाई देती है।

  • विश्व मे सबसे कम ताप का रक्त वाला जीव आस्ट्रेलिया का चीटीखोर हैं।

  • घोड़ा (Horse) अपने वजन से पाँच गुना अधिक बोझ खींच सकता है।

  • घरेलू मक्खी (Bee) से करीब 30 बीमारियां हो सकती है।

जानवरों के बारे में विशेष जानकारी!

  • ऊथवार्क गोबी विश्व की सबसे छोटी मछली (fish) है।

  • बया चिड़िया (a bird) अपना घोसला बनाने के जुगनुओं (glowworms) का प्रयोग करती है।


  • नर पेंग्विन (he penguin) अंडे से बच्चा निकलने तक अर्थात् पूरे दो महीने तक भूखा प्यासा रहता है।।

  • ब्ल्यू व्हेल (blue whale) की सीटी सभी जानवरों में सबसे तेज होती है।

  • धरती पर मौजूद जीवों में चिंपांजी (chimpanzee) एकमात्र ऐसा जीव है जो आईने में अपना चेहरा देखता है।


(स्रोत)

Sunday, April 13, 2008

सुंदर नाखून - स्वस्थ दाँत

नारी के पास सुंदरता के साथ सुंदर नाखून (Nail) एवं स्वस्थ दाँत भी हों तो उसके सौंदर्य में चार चाँद लग जाता है। नाखून (Nail) तथा दाँत का अपना अलग ही महत्व है। सुंदर चेहरा, लम्बे केश, आकर्षक शरीर सभी कुछ होने के बावजूद भी यदि सुंदर नाखून (Nail) एवं स्वस्थ दाँत न हो तो सौन्दर्य में फीकापन आ जाता है।

नाखून (Nail) की सुंदरता और दाँतो के स्वास्थय के लिये क्या करें

    महिला मंडल
  1. सप्ताह में एक बार चुटकी भर बेकिंग सोडा या नमक से दाँतो को साफ करने से दाँत सफेद तथा चमकदार हो जाते है।

  2. कॉटनवूल को हाइड्रोजन परआक्साइड में भिगोकर दाँतों पर मलने से दांतो का पीलापन दूर होता है।

  3. हफ्ते में दो बार दाँतों को सूखे तेजपत्ते से हल्के हाथों द्वारा रगड़ने से दाँतो की चमक बढ़ती है।

  4. महिला मंडलनाखून (Nail) को लम्बे और मजबूत बनाने के लिये प्रतिदिन रात में हल्के गर्म बादाम के तेल और नींबू के रस के मिश्रण में दस से पन्द्रह मिनट तक भिगोये रखें फिर हल्का मसाज करके टिसू पेपर से पोंछ लें तथा दूसरे दिन सुबह साफ पानी से उन्हें साफ करें।

  5. नाखून (Nail) की चमक और मजबूती कैल्शियम तथा जिलेटिन से बढ़ती है। अत: हर रोज एक टेबल स्पून जिलेटिन एक कप ठंडे दूध में मिलाकर लें।

सौन्दर्य में है शक्ति

फेशियल वर्कआउट्स

हो सकता है, वर्कआउट्स करना आपके लिये कोई नई बात न हो, लेकिन चेहरे को टोन अप करना के लिये कभी आपने वर्कआउट्स किये है? शायद नहीं! कुछ फेशियल वर्कआउट्स वाकई लाभकारी हैं। इससे चेहरे के साथ-साथ बॉडी को भी आराम मिलता है और यंगर लुक पाने का भी यह एक अच्छा जरिया है। इसमें चेहरे के हर हिस्से के लिये अलग-अलग स्टेप्स हाते हैं।

मुँह के कोने का हिस्सा



स्टेप 1 मुँह के दोनों कोनों पर अपनी दो-दो अंगुलियां रखें

और होठों को कानों की तरफ खींचे।

स्टेप 2 होंठों को सिकोड़े और बाहर की ओर निकालने का प्रयास करें।
इस मुद्रा में दस गिनने तक रहें।

स्टेप 3 इस एक्सरसाइज को दस बार दोहराएं।
इसे करने से मुंह के कोने का हिस्सा शार्प होता है।

आई मसल्स


स्टेप 1 अपने दोनों हाथों की अंगुलियों को अपनी आखों के कोने पर रखें।

स्टेप 2 आखों को अच्छी तरह से बंद करले और फिर खोलें।

स्टेप 3 आखों की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिये
इस प्रक्रिया को दस बार दोहराएं।

चिन मसल्स



स्टेप 1 अपने होंठों के नीचें ठोड़ी पर तीन अंगुलियां रखें

स्टेप 2 निचले होंठों को नीचे की तरफ खींचने का प्रयास करें।

स्टेप 3 निचले होंठ को मुँह के अंदर लें और नीचे अंगुलियों से ठोड़ी
को खीचनें का प्रयास करें। ऐसा दस बार दोहराएं।

डबल चिन


स्टेप 1 अपनी जीभ के टिप को अपने मुंह के टिप से दबाएं।

स्टेप 2 एक येलो बॉल को चिन के नीचे रखकर ऊपर की ओर दबायें।

स्टेप 3 तीन गिनने तक इसी मुद्रा में रहें।
डबल चिन घटाने के लिये ऐसा दस बार करें।

चिक लिफ्ट


स्टेप 1दो अंगुलियों को अपनी चिन के नीचे रखें और उसे एक तरफ खीचें।

स्टेप 2 एक्सरसाइज बॉल अपने दूसरे गाल पर रखें।।

स्टेप 3 बॉल को कानों की ओर रेज करें।
ताकि चिक मसल्स लिफ्ट हों। दस गिनने तक इसी मुद्रा में रहें।
इस प्रक्रिया को दस बार दोहरायें। इस एक्सरसाइज से बॉडी डिस्ट्रेस और डिटॉक्स होती है।

सौंदर्य के आयुर्वेदिक मूलमंत्र (Ayurvedi Beauty Tips)

  • बेजान त्वचा बहुतबार त्वचापर आवश्यक तेल की कमी से चेहरा रूखा तथा बेजान दिखने की समस्यायें आती है। ग्लो याने चमकना सिमला उटी लेप हरहोज सुबह इस्तेमाल करने से ग्लो जरूर देखने को मिलता है।

  • अच्छा दिखने का समय हर एक की जिंदगी मे यह समय आ सकता है। सेफ्रोजाल, कुंकमादि, जीरा केअर, सेफ्रोमा यह चौसुत्री त्वचा के लिये विशेष गुणकारी है।

  • उत्तम शैम्पू अच्छा शैम्पू उसे कहते है, जो ज्यादा तेल ना सोखे। स्मार्ट ग्लो कोरफड युक्त शैम्पू उसे मॉइश्चायरिंग गुनो के कारण ज्यादा लोकप्रिय हुआ है। पुरुष वर्ग तो यह शैम्पू हररोज इस्तेमाल कर सकते है।

  • हररोज सोते समय फ्रूट स्पेशलिटि से चेहरा साफ करें। आत्मंडहनी लोशन लगाये। रोज १ ग्रिन-एक्स कँपसूल ले। आयुनुसार आने वाली थकान त्वचा पर नहीं दिखेगी।

  • पैरों की जलन बहुत तकलिफदेह ऐसा यह प्रकार झिनलेप नामक मलहम रात में सोते समय पैरो पे मलते रहने से बहुत आराम मिलता है।

  • जलवा दिखा दे सवेरे सिमला उटी लेप, रात में, निशा हर्बल कुकुमुंदि तेल, सेफ्रोमा, सप्ताह में एक बार, बाहर से आने पर फ्रूट स्पेशिलिटी क्लिजिंग वापरते रहीये और किसी भी मौके पर अपने अप्रतीम सौंदर्य से इंप्रेशन मारीये।।

Friday, April 11, 2008

भारतीय महिला (Indian Women)

यद्यपि भारतीय समाज में महिलाओं (women) का दर्जा अलग-अलग समय में अलग-अलग तरह का रहा है किन्तु यह भी सत्य है कि अत्यन्त प्राचीन युग से ही भारतवर्ष में महिलाओं (women) का उच्च स्थान रहा है। वे लक्ष्मी, सरस्वती, दुर्गा, काली आदि देवियों के रूप में पूजी जाती रही हैं। पतञ्जलि तथा कात्यायन की कृतियों में स्पष्ट उल्लेख है कि वैदिक युग में शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं का समानाधिकार था। ऋग् वेद की ऋचाएँ बताती हैं कि महिलाओं को अपना वर चयन करने का पूर्ण अधिकार था और उनका विवाह पूर्ण वयस्क अवस्था में हुआ करता था।

किन्तु मध्यकाल महिलाओं की सामाजिक प्रतिष्ठा का पतन काल रहा। बाल विवाह, सती प्रथा, विधवा-विवाह का निषेध आदि कुप्रथाएँ मध्ययुग की ही देन हैं। भारतीय उपमहाद्वीप में मुसलमानों का अधिकार हो जाने पर परदा प्रथा और राजपूतों के पराजय ने जौहर प्रथा को जन्म दिया।

इन सबके बावजूद भी महान महिलाओं का उदय होता ही रहा। रजिया सुल्तान दिल्ली की गद्दी पर बैठकर पूरे हिन्दुस्तान की मलिका बनीं। गोंड महारानी दुर्गावती ने 15 वर्षों तक शासन किया। चाँद बीबी ने मुगलों के आक्रमण से अहमदनगर की रक्षा की। ऐसे और भी कितने ही उदाहरण मिल जायेंगे।

ब्रिटिश काल में राजा राममोहन राय, ईश्वर चंद्र विद्यासागर, ज्योतिराव फुले जैसे लोग नारी की स्थिति को पुनः सँवारने के प्रयास में जुट गये। सन् 1829 में राजा राममोहन राय के प्रयास से सती प्रथा का अन्त हुआ। ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने विधवाओं की स्थिति में सुधार तथा विधवा विवाह का आरम्भ के लिये जेहाद छेड़ दिया परिणामस्वरूप सन् 1856 में विधवा पुनर्विवाह अधिनियम बना।

स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् भारतीय महिलाओं की स्थिति में द्रुत गति से सुधार होना आरम्भ हो गया। वे शिक्षा, संस्कृति, विज्ञान, तकनीकी, राजनीति, मीडिया, सर्विस सेक्टर आदि सभी क्षेत्रों में समान रूप से भाग लेने लगीं। औरतों तथा पुरुषों का पूर्ण रूप से समान दर्जा हो गया।

आज तो आधुनिक महिलाएँ सभी क्षेत्रों में पुरुषों से आगे निकल जाने की होड़ में लग गईं हैं।