Thursday, August 28, 2008

विशेष जानकारी

नमस्कार,

बहुत दिनों के बाद आज ब्लाग में कुछ लिख रही हूं और एक विशेष जानकारी देना चाह रही हूं। ये विशेष जानकारी देना चाहती हुं कि विधुर,परित्यज्ञा, तलाकशुदा, विकलांग भाई-बहनों के लिये कार्यक्रम आयोजित है।

जिसकी जानकारी इस नवनिर्मित ब्लाग पर आपको मिलेगी।

सरल सेवा समिति

Thursday, June 12, 2008

थोड़ी दोस्ती निभा ली जायें...

दोस्ती के नगमें

फिक्र इतनी है उस खुदा को तुम्हारी
उसने भेज दी तुम्हारे लिये दुनिया सारी
एक आंसू भी न आने देंगे
ऐ दोस्त तेरी आंखों में
उस खुदा से ज्यादा फिक्र हमें है तुम्हारी



कही अंधेरा तो कही शाम होगी
हमारी हर खुशी आपके नाम होगी
कुछ मांगकर तो देखो ए दोस्त
होठों पर हंसी और हथेली पर जान होगी



भीगी पल्को के संग मुस्कुराते है हम
पलपल दिल को बहलाते है हम
दोस्त दूर है हमसे तो क्या हुआ
हर सांस में दोस्तो की आहट पाते है हम



किसी के पास कुछ न हो तो हंसती है दुनिया
किसी के पास सब कुछ हो तो जलती है दुनिया
और आपके पास मेरे जैसा दोस्त है
जिसके लिये तरसती है दुनिया



रेत की जरूरत रेगिस्तान को होती है
सितारों की जरूरत हर आसमान को होती है
और आप जैसे दोस्त की जरूरत
हर इंसान को होती है।



उगता हुआ सूरज रोशनी दे आपको
खिलता हुआ फूल खूशबू दे आपको
हम तो कुछ देने के काबिल कहाँ
पर देने वाला हर खुशी दे आपको



मन के कोने से एक आवाज आती है
हर पल दोस्तो की याद आती है
मन पूछता है पलपल हमसे
जिन्हें हम याद करते है
क्या उन्हें भी हमारी याद आती है?



नोंक-झोंक

पत्नीः मेरे इरादे बड़े नेक है, आप 1000 में से एक है
पतिः दिमाग के हम भी डॉन है पहले ये बता बाकी के 999 कौन है?

Tuesday, June 10, 2008

जरा हंस भी लो यार!!!अरे हंसो तो....

इस कदर हम आपको चाहते है
दुनिया वाले देख के जल जाते है
यूं तो हम सभी को बेवकूफ बनाते है
पर आप थोड़ा जल्दी बन जाते है।



अर्ज किया है,
यशोमती मइया से बोले नंदलाला
वाह!!वाह!!
यशोमती से बोले नंदलाला
माँ
टाटा स्काई लगा डाला तो लाइफ झिंगालाला।



रावणः माई भिक्षाम देही
महिलाः लो स्वामी
रावणः रेखा के पार आओ
(महिला आ जाती है)
रावणः हा!हा!हा! मै भिक्षुक नहीं रावण हूँ
महिलाः ही!ही!ही! मैं भी सीता नहीं कामवाली हूँ।



दिल का कहा एक काम कर दो
प्यारी सी मुस्कान मेरे नाम कर दो
आज दुनिया पर एक एहसान कर दो
घर से नहा कर नकलो
और पूरी कॉलोनी को हैरान कर दो



एक आदमी की बीवी खो गई
वो राम मंदिर गया
बोला भगवान मेरी बीवी खोज दो
भगवान बोले
पास के हनुमान मंदिर जा
मेरी भी उन्हीं ने खोजी थी।



लब सिल जाते है
जब तुम सामने आते हो
दिल धड़कता है जब निगाहे मिलाते हो
सांस रुक जाती है जब मुस्कुराते हो
भूत हो क्या इतना क्यों डराते हो



लड़काः बस, ट्रेन और लड़की एक जैसे ही होते है एक जाती है दुसरी आ जाती है।
लड़कीः लड़के आटोरिक्शा और टैक्सी जैसे होते है एक बुलाओ चार चले आते है।



जब आप आईना देखते हो
तो आईना बोलता है
Beautyful, Beautyful
जब आईने से दुर जाते हो
तो आईना बोलता है
Aprilful, Aprilful

Monday, June 9, 2008

क्या सोचते है आप बालश्रम के बारे में...

बालश्रम देश के लिये एक गंभीर समस्या है और चुनौती भी। क्या इस गंभीर सम्स्या का कभी अंत होगा? कब खतम होगी ये प्रथा? क्या सारे गरीब बच्चे मजबूर ही रहेंगे काम करने को? क्या कभी उनको आम बच्चों की तरह खेलने को खिलौने, खाने को स्वादिष्ट उनके मनपसंद भोजन, आगे बढकर आसमान छूने के लिये शिक्षा का सहारा मिलेगा? यही सब बाते सोचने में आई जब मुझे एक परियोजना बनाने का मौका मिला और शीर्षक यही था "बालश्रम एक गंभीर समस्या।"

जब मैनें इसके बारे में सोचा और कई होटलों, ढाबों, घरों में छोटे बच्चों को काम करते हुये देखा तो अपने आप ही मन में इस विषय के बारे में ये सारे सवाल उठने लगे। वे बच्चे जो भारत का भविष्य है, गरीबी की कैद में जकड़े लाचार दूसरों की गुलामी और भीख मांगने को मजबूर है इस तरह तो आने वाले भारत के भविष्य की नींव ही खोखली हो रही है। कहते है बच्चे भगवान का रूप होते है पर मैनें देखा है कि एक नागरिक जो कि बहुत गरीब है जिसके पास खाने के लिये दो वक्त की रोटी भी नहीं है वो खुद तो काम करता है पर साथ ही अपने बच्चों को भी काम करवाता है।

जिस उम्र में बच्चों को शिक्षा, भोजन, संस्कार और परिवार के प्यार की जरूरत होती है उस समय वह किसी दूसरे के घर में काम करते हुये भी गाली खाता है जिसका असर उस पर और उसकी आनी वाली जिंदगी पर भी पड़ता है। माना कि सरकार इन गरीब बच्चो के लिये कुछ कर रही है पर इस समस्या को पूर्ण तरीके से खत्म करने में अब भी असफल है।

यह समस्या भारत को विकासशील देश से विकसित देश बनाने में बहुत बड़ी रूकावट है। मेरी कामना यह है कि इस समस्या को खत्म करने में भारत का हर नागरिक एकजुट होकर निदान निकालें।

क्या आप चाहते है कि छोटे प्यारे बच्चे उच्च शिक्षा सुविधायें प्राप्त करने के बजाय दूसरों के घर में काम करते नजर आयें। कई लोग तो यह भी कहते है कि यह भारत की मजबूरी है।

मुझे बहुत दुःख होता है जब मैं प्यारे नन्हें बच्चों को काम करते हुये देखती हूं। मुझे उस दिन का इंतजार है जब यही बच्चे हमारे भारत को इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षर से लिखने और विकसित देश कहलाने के काबिल बनायेंगे।

आप क्या सोचते है इस समस्या के बारे में? इस विषय पर सभी से चर्चा कीजिये इस समस्या को खत्म करने में अपना योगदान दें।

देखिये ये आंखे भर आयेंगी....

Saturday, May 17, 2008

नये जाब के लिये तैयारी कैसे करें

इतना तो आपको पता ही है कि किसी भी प्रकार की आजीविका (जाब - job) के लिये एक रिज्यूम (resume) देना होता है, आपने भी कई बार दिया होगा। किन्तु शायद आप यह नहीं जानते होंगे कि सभी जाब (job) के लिये एक समान घिसे-पिटे रिज्यूम (resume) देने से उसका प्रभाव बिल्कुल नहीं, या नहीं के बराबर, पड़ता है। सभी के लिये एक टाइप के रिज्यूम को प्रायः पढ़े बिना ही रिजेक्ट फाइल में लगा दिया जाता है। एक शानदार जाब के लिये आपका रिज्यूम ऐसा होना चाहिये कि उसे पढ़ कर पढ़ने वाले को महसूस हो कि यह वो रिज्यूम है जैसा कि मैं चाहता था आपके रिज्यूम से आपका व्यक्तित्व और आपकी बुद्धिमत्ता झलकनी चाहिये।

रिज्यूम क्या होता है?

  • रिज्यूम को हम एक बिक्री पत्र (Sale Letter) मान सकते हैं जो आपकी विद्या, गुण, निपुणता, कार्यकुशलता (skills) और अनुभवों को अत्यन्त प्रभावशाली ढंग से जाब प्रदान करने वाले के समक्ष प्रस्तुत करता है।
    यदि आप में विद्या, गुण, निपुणता, कार्यकुशलता (skills) और अनुभव सभी कुछ है किन्तु आप में यह बताने की क्षमता नहीं है कि एक अच्छे जॉब के लिये समस्त आवश्यक गुण आप में है तो आपके सारे गुण बेकार सिद्ध हो जाते हैं। अच्छा रिज्यूम वह होता है जिसको पढ़ कर पढ़ने वाला प्रभावित हो जाने के लिये विवश हो जाये
    अतः जब कभी भी आप अपना रिज्यूम लिखें तो सबसे पहले स्वयं को उस विशिष्ट जॉब जिसके लिये आप आवेदन करने जा रहे हैं तथा जाब प्रदान करने वाले के द्वारा चाही गई आवश्यकताओं (requirements) के प्रति केन्द्रित कर लेना चाहिये।
    रिज्यूम लिखते समय ध्यान देने वाली आवश्यक बातें
    स्वयं के विषय में तथ्य तथा आँकड़े: एक आवेदक के तौर पर आप जाब प्रदान करने वाले को स्वयं के विषय में जानकारी ही देते हैं। अतः रिज्यूम लिखते समय आप अपने विषय में सारे तथ्य तथा आँकड़ों को संग्रहित कर लें। किसी अलग कागज पर सारे तथ्य तथा आँकड़ों को लिख लेना चाहिये ताकि कोई भी महत्वपूर्ण जानकारी छूट न जाये।
    व्यक्तिगत जानकारी: अपने रिज्यूम की शुरुवात अपने विषय में व्यक्तिगत जानकारी देने से करें। कागज के बाँयीं ओर वाली ऊपरी हिस्से (top left) में मोटे (bold) अक्षरों में अपना नाम टाइप करें। फिर अपना वर्तमान पूरा पता (यदि अस्थायी तथा स्थायी दो पते हैं तो दोनों ही), सम्पर्क विवरण जैसे कि फोन नम्बर, मोबाइल नम्बर, ई-मेल पता आदि की जानकारी दें। शीर्षक के रूप में 'RESUME', 'BIODATA' आदि टाइप करने की कोई आवश्यकता नहीं है। सिर्फ आपका नाम ही काफी है।
    विषय (Objective): विषय के रूप में एक संक्षिप्त कथन (statement) लिखें जो कि आपके रिज्यूम को पढ़ने वाले को आपके कैरियर के उद्देश्य (career goals) के बारे में जानकारी दे। विषय के अन्तर्गत निम्न बातें शामिल होनी चाहिये:
    एक सामान्य या विशिष्ट जाब टाइटिल जैसे कि 'कम्प्यूटर आपरेटर' 'ग्राफिक डिजाइनर' आदि।
    यदि चाहें तो अपनी योग्यताओं के विषय में विषय में अतिसंक्षिप्त जानकारी।
    शैक्षणिक योग्यताएँ: फिर इसके बाद अपनी शैक्षणिक योग्यताओं के विषय में पूर्ण जानकारी दें।
    विशेष योग्यताएँ: शैक्षणिक योग्ताओं के बाद अपनी विशेष योग्यताओं के विषय में जानकारी दें।
    अन्य योग्यताएँ: अपनी अन्य योग्यताओं जैसे कि कम्प्यूटर का ज्ञान, आधुनिक टेक्नालाजी के विषय में ज्ञान आदि के विषय में उल्लेख करना करें।
    अनुभवों का विवरण: आप वर्तमान में क्या कर रहे हैं, विगत वर्षों में आपने कब-कब क्या-क्या किया है, अन्य संस्थाओं में आपकी क्या उपलब्धियाँ रही हैं आदि की पूर्ण जानकारी अवश्य ही दें।
    अन्य गतिविधियाँ (Extra Caricular Activities): अपनी अन्य गतिविधियाँ जैसे कि खेल-कूद (sports), भाषण तथा वाद-विवाद प्रतियोगिता आदि में भी अपनी उपलब्धियों के विषय में अवश्य बतायें।
    समस्त प्रमाणपत्रों (certificates) की प्रतिलिपियाँ नत्थी करना बिल्कुल न भूलें।
    पूर्ण ईमानदारी (honesty) बरतें, कोई भी झूठी जानकारी न दें।
    हिज्जों तथा व्याकरण की गलतियाँ (spelling & grammatical mistakes) बिल्कुल न करें।
    स्वच्छता का पूरा पूरा ध्यान रखें।
    उचित समय में अपना आवेदन प्रस्तुत करें, अन्तिम तारीख तक प्रतीक्षा न करें।


सौजन्यः career.agoodplace4all.com

Monday, May 12, 2008

जानिये आपरेटिंग सिस्टम के बारे में...

किसी कम्प्यूटर को चलाने में आपरेटिंग सिस्टम (Operating System) की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण होती है। दरअसल यह हमारे तथा कम्प्यूटर के बीच एक माध्यम का कार्य करता है। कम्प्यूटर हमारी भाषा नहीं समझता, वह केवल मशीनी भाषा को ही समझता है जबकि हम कम्प्यूटर की भाषा को नहीं जानते। फिर हमारे और कम्प्यूटर के बीच सम्बंध को बनाये रखने वाला दुभाषिया कौन है? - यही अपना आपरेटिंग सिस्टम। यह हमारी भाषा को समझ कर उसे कम्प्यूटर की भाषा में बताता है और कम्प्यूटर की भाषा को हमारी भाषा में परिवर्तित कर के हमें समझाता है।

वैसे तो कोई भी व्यक्ति यह जाने बिना कि आपरेटिंग सिस्टम क्या है, कैसे कार्य करता है, इसकी उपयोगिता क्या है बड़ी आसानी के साथ कम्प्यूटर का प्रयोग कर सकता है किन्तु उसके लिये यह और भी अच्छी बात होगी कि वह इस बातों को जान ले।

आपरेटिंग सिस्टम क्या है

यह कहा जा सकता है कि कम्प्यूटर सिस्टम के हार्डवेयर रिसोर्सेस (Hardware Resources), जैसे- मेमोरी (Memory), प्रोसेसर (Processor) तथा इनपुट-आउटपुट डिवाइसेस (Input-Output Divices) को व्यवस्थित करने के लिये बनाया गया सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software) ही आपरेटिंग सिस्टम होता है। यह व्यवस्थित रूप से जमे हुए सॉफ्टवेयर्स का समूह होता है जो कि आंकडो (data) एवं निर्देश (commands) को नियंत्रित करता है। कम्प्यूटर के प्रत्येक रिसोर्स की स्थिति का लेखा - जोखा आपरेटिंग सिस्टम ही रखता है, आपरेटिंग सिस्टम ही निर्णय करता है कि किसका, कब और कितनी देर के लिए कम्प्यूटर रिसोर्स पर नियंत्रण होगा।

आपरेटिंग सिस्टम क्यों आवश्यक है

जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि आपरेटिंग सिस्टम हमारे तथा कम्प्यूटर के बीच एक माध्यम का कार्य करता है। इसके अलावा यह हार्डवेयर्स (Hardwares) तथा सॉफ्टवेयर्स (Softwares) के मध्य एक सेतु का कार्य भी करता है। आपरेटिंग सिस्टम के बिना कम्पयूटर का अपने आप मे कोई अस्तित्व ही नही है। यदि आपरेटिंग सिस्टम न हो तो कम्प्यूटर अपने हार्डवेयर्स जैसे कि कुंजीपटल (Keyboard), मानिटर (Monitor), सीपीयू (CPU) आदि के बीच कभी भी सम्बंध स्थापित नहीं कर पायेगा। आपरेटिंग सिस्टम किसी कम्प्यूटर प्रयोग करने वाले को इस जहमत से बचाता है कि वह कम्यूटर के समस्त भागो की जानकारी रखे।

आपरेटिंग सिस्टम के कार्य

आपरेटिंग सिस्टम अनेक प्रकार के उपयोगी कार्य करता है जिनमें से कुछ प्रमुख कार्य नीचे दिये जा रहे हैं:
  • फाइल पद्धति (File System) - फाइल बनाना, मिटाना तथा फाइलों को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाना और फाइल निर्देशिका को व्यवस्थित करना।

  • प्रक्रिया (Processing) - कार्यक्रमों (Programs) और आँकडों (Data) को मेमोरी मे बाँटना, प्रक्रिया (Process) को आरम्भ करके समुचित रूप से चलाना।

  • इनपुट/आउटपुट (input/output) - सीपीयू और मानिटर (Monitor), प्रिंटर (Printer), डिस्क (Disk) आदि के बीच मध्यस्थता करना।
आपरेटिंग सिस्टम के प्रकार

वैसे तो विभिन्न कालों में विभिन्न आपरेटिंग सिस्टमों का निर्माण हुआ पर प्रमुख रूप से प्रयोग किये जाने वाले लोकप्रिय आपरेटिंग सिस्टम की सूची नीचे दी जा रही है:
  • लिनक्स (Linux)
  • मैक एस (MacOS)
  • एमएस डाज (MS-DOS)
  • आईबीएम ओएश/2 (IBM OS/2)
  • यूनिक्स (Unix)
  • विन्डोज सीई (Windows CE)
  • विन्डोज 3.x (Windows 3.x)
  • विन्डोज 95 (Windows 95)
  • विन्डोज 98 (Windows 98)
  • विन्डोज 98 एस ई (Windows 98 SE)
  • विन्डोज एमई (Windows ME)
  • विन्डोज एनटी (Windows NT)
  • विन्डोज 2000 (Windows 2000)
  • विन्डोज एक्सपी (Windows XP)
  • विन्डोज व्हिस्टा (Windows Vista)
सौजन्यः आइये कम्प्यूटर सीखें।

Sunday, May 11, 2008

पीसी के रख-रखाव के लिये ध्यान देने योग्य बातें!

अधिकतर लोग कम्प्यूटर खरीद तो लेते हैं किन्तु उसके रख-रखाव के लिये कभी भी ध्यान नहीं देते। यहाँ पर हम कुछ उन छोटी छोटी बातों का उल्लेख करेंगे जिससे आपका पीसी हमेशा टिप-टॉप बना रहे।

  • वैसे तो कम्प्यूटर के लिये यूपीएस (UPS - Uninterrupted Power Supply) का इस्तेमाल करना ही चाहिये किन्तु यदि आपके क्षेत्र में अक्सर बिजली चली जाती है तो आप अपने कम्प्यूटर के लिये यूपीएस को अत्यावश्यक ही समझें।

  • हम अपने कम्प्यूटर के कैबिनेट, मॉनीटर, कीबोर्ड, माउस की सफाई तो प्रायः करते हैं किन्तु पीसी को ठंडा रखने वाले पंखे (cooling fans) की सफाई की ओर हमारा ध्यान जाता ही नहीं है जबकि यह सबसे अधिक आवश्यक कार्य है। यदि धूल, गंदगी आदि के कारण से पंखा चलना बंद हो गया तो आपके कम्प्यूटर के पॉवर सप्लाय, ग्राफिक्स कॉर्ड, सीपीयू (CPU - Central Processing Unit) को भारी क्षति पहुँचने का अंदेशा रहता है। इसलिये यदि आप अपने पीसी के पंखे की सफाई यदि स्वयं करना नहीं जानते तो समय समय पर (कम से कम तीन माह में एक बार) अपने सर्विस प्रोव्हाइडर से पंखे की सफाई करवाते रहिये।

  • अपने हार्डवेयर्स के लिये सही और नवीनतम ड्रायव्हर्स का ही प्रयोग करें। ड्रायव्हर्स के अपडेट हार्डवेयर बनाने वाली कंपनी के वेबसाइट में मुफ्त में उपलब्ध होता है।

  • अपने कम्प्यूटर को हमेशा सही अर्थिंग दें, दो पिन वाले प्लग प्रयोग न करें बल्कि अर्थिंग वाले तीन पिन वाले प्लग का ही प्रयोग करें। आवश्यक हो तो अपने इलैक्ट्रिशियन से चेक करवा लें कि सही अर्थिंग मिल रहा है या नहीं।
सौजन्यः आइये कम्प्यूटर सीखें!