Thursday, August 28, 2008

विशेष जानकारी

नमस्कार,

बहुत दिनों के बाद आज ब्लाग में कुछ लिख रही हूं और एक विशेष जानकारी देना चाह रही हूं। ये विशेष जानकारी देना चाहती हुं कि विधुर,परित्यज्ञा, तलाकशुदा, विकलांग भाई-बहनों के लिये कार्यक्रम आयोजित है।

जिसकी जानकारी इस नवनिर्मित ब्लाग पर आपको मिलेगी।

सरल सेवा समिति

Thursday, June 12, 2008

थोड़ी दोस्ती निभा ली जायें...

दोस्ती के नगमें

फिक्र इतनी है उस खुदा को तुम्हारी
उसने भेज दी तुम्हारे लिये दुनिया सारी
एक आंसू भी न आने देंगे
ऐ दोस्त तेरी आंखों में
उस खुदा से ज्यादा फिक्र हमें है तुम्हारी



कही अंधेरा तो कही शाम होगी
हमारी हर खुशी आपके नाम होगी
कुछ मांगकर तो देखो ए दोस्त
होठों पर हंसी और हथेली पर जान होगी



भीगी पल्को के संग मुस्कुराते है हम
पलपल दिल को बहलाते है हम
दोस्त दूर है हमसे तो क्या हुआ
हर सांस में दोस्तो की आहट पाते है हम



किसी के पास कुछ न हो तो हंसती है दुनिया
किसी के पास सब कुछ हो तो जलती है दुनिया
और आपके पास मेरे जैसा दोस्त है
जिसके लिये तरसती है दुनिया



रेत की जरूरत रेगिस्तान को होती है
सितारों की जरूरत हर आसमान को होती है
और आप जैसे दोस्त की जरूरत
हर इंसान को होती है।



उगता हुआ सूरज रोशनी दे आपको
खिलता हुआ फूल खूशबू दे आपको
हम तो कुछ देने के काबिल कहाँ
पर देने वाला हर खुशी दे आपको



मन के कोने से एक आवाज आती है
हर पल दोस्तो की याद आती है
मन पूछता है पलपल हमसे
जिन्हें हम याद करते है
क्या उन्हें भी हमारी याद आती है?



नोंक-झोंक

पत्नीः मेरे इरादे बड़े नेक है, आप 1000 में से एक है
पतिः दिमाग के हम भी डॉन है पहले ये बता बाकी के 999 कौन है?

Tuesday, June 10, 2008

जरा हंस भी लो यार!!!अरे हंसो तो....

इस कदर हम आपको चाहते है
दुनिया वाले देख के जल जाते है
यूं तो हम सभी को बेवकूफ बनाते है
पर आप थोड़ा जल्दी बन जाते है।



अर्ज किया है,
यशोमती मइया से बोले नंदलाला
वाह!!वाह!!
यशोमती से बोले नंदलाला
माँ
टाटा स्काई लगा डाला तो लाइफ झिंगालाला।



रावणः माई भिक्षाम देही
महिलाः लो स्वामी
रावणः रेखा के पार आओ
(महिला आ जाती है)
रावणः हा!हा!हा! मै भिक्षुक नहीं रावण हूँ
महिलाः ही!ही!ही! मैं भी सीता नहीं कामवाली हूँ।



दिल का कहा एक काम कर दो
प्यारी सी मुस्कान मेरे नाम कर दो
आज दुनिया पर एक एहसान कर दो
घर से नहा कर नकलो
और पूरी कॉलोनी को हैरान कर दो



एक आदमी की बीवी खो गई
वो राम मंदिर गया
बोला भगवान मेरी बीवी खोज दो
भगवान बोले
पास के हनुमान मंदिर जा
मेरी भी उन्हीं ने खोजी थी।



लब सिल जाते है
जब तुम सामने आते हो
दिल धड़कता है जब निगाहे मिलाते हो
सांस रुक जाती है जब मुस्कुराते हो
भूत हो क्या इतना क्यों डराते हो



लड़काः बस, ट्रेन और लड़की एक जैसे ही होते है एक जाती है दुसरी आ जाती है।
लड़कीः लड़के आटोरिक्शा और टैक्सी जैसे होते है एक बुलाओ चार चले आते है।



जब आप आईना देखते हो
तो आईना बोलता है
Beautyful, Beautyful
जब आईने से दुर जाते हो
तो आईना बोलता है
Aprilful, Aprilful

Monday, June 9, 2008

क्या सोचते है आप बालश्रम के बारे में...

बालश्रम देश के लिये एक गंभीर समस्या है और चुनौती भी। क्या इस गंभीर सम्स्या का कभी अंत होगा? कब खतम होगी ये प्रथा? क्या सारे गरीब बच्चे मजबूर ही रहेंगे काम करने को? क्या कभी उनको आम बच्चों की तरह खेलने को खिलौने, खाने को स्वादिष्ट उनके मनपसंद भोजन, आगे बढकर आसमान छूने के लिये शिक्षा का सहारा मिलेगा? यही सब बाते सोचने में आई जब मुझे एक परियोजना बनाने का मौका मिला और शीर्षक यही था "बालश्रम एक गंभीर समस्या।"

जब मैनें इसके बारे में सोचा और कई होटलों, ढाबों, घरों में छोटे बच्चों को काम करते हुये देखा तो अपने आप ही मन में इस विषय के बारे में ये सारे सवाल उठने लगे। वे बच्चे जो भारत का भविष्य है, गरीबी की कैद में जकड़े लाचार दूसरों की गुलामी और भीख मांगने को मजबूर है इस तरह तो आने वाले भारत के भविष्य की नींव ही खोखली हो रही है। कहते है बच्चे भगवान का रूप होते है पर मैनें देखा है कि एक नागरिक जो कि बहुत गरीब है जिसके पास खाने के लिये दो वक्त की रोटी भी नहीं है वो खुद तो काम करता है पर साथ ही अपने बच्चों को भी काम करवाता है।

जिस उम्र में बच्चों को शिक्षा, भोजन, संस्कार और परिवार के प्यार की जरूरत होती है उस समय वह किसी दूसरे के घर में काम करते हुये भी गाली खाता है जिसका असर उस पर और उसकी आनी वाली जिंदगी पर भी पड़ता है। माना कि सरकार इन गरीब बच्चो के लिये कुछ कर रही है पर इस समस्या को पूर्ण तरीके से खत्म करने में अब भी असफल है।

यह समस्या भारत को विकासशील देश से विकसित देश बनाने में बहुत बड़ी रूकावट है। मेरी कामना यह है कि इस समस्या को खत्म करने में भारत का हर नागरिक एकजुट होकर निदान निकालें।

क्या आप चाहते है कि छोटे प्यारे बच्चे उच्च शिक्षा सुविधायें प्राप्त करने के बजाय दूसरों के घर में काम करते नजर आयें। कई लोग तो यह भी कहते है कि यह भारत की मजबूरी है।

मुझे बहुत दुःख होता है जब मैं प्यारे नन्हें बच्चों को काम करते हुये देखती हूं। मुझे उस दिन का इंतजार है जब यही बच्चे हमारे भारत को इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षर से लिखने और विकसित देश कहलाने के काबिल बनायेंगे।

आप क्या सोचते है इस समस्या के बारे में? इस विषय पर सभी से चर्चा कीजिये इस समस्या को खत्म करने में अपना योगदान दें।

देखिये ये आंखे भर आयेंगी....

Saturday, May 17, 2008

नये जाब के लिये तैयारी कैसे करें

इतना तो आपको पता ही है कि किसी भी प्रकार की आजीविका (जाब - job) के लिये एक रिज्यूम (resume) देना होता है, आपने भी कई बार दिया होगा। किन्तु शायद आप यह नहीं जानते होंगे कि सभी जाब (job) के लिये एक समान घिसे-पिटे रिज्यूम (resume) देने से उसका प्रभाव बिल्कुल नहीं, या नहीं के बराबर, पड़ता है। सभी के लिये एक टाइप के रिज्यूम को प्रायः पढ़े बिना ही रिजेक्ट फाइल में लगा दिया जाता है। एक शानदार जाब के लिये आपका रिज्यूम ऐसा होना चाहिये कि उसे पढ़ कर पढ़ने वाले को महसूस हो कि यह वो रिज्यूम है जैसा कि मैं चाहता था आपके रिज्यूम से आपका व्यक्तित्व और आपकी बुद्धिमत्ता झलकनी चाहिये।

रिज्यूम क्या होता है?

  • रिज्यूम को हम एक बिक्री पत्र (Sale Letter) मान सकते हैं जो आपकी विद्या, गुण, निपुणता, कार्यकुशलता (skills) और अनुभवों को अत्यन्त प्रभावशाली ढंग से जाब प्रदान करने वाले के समक्ष प्रस्तुत करता है।
    यदि आप में विद्या, गुण, निपुणता, कार्यकुशलता (skills) और अनुभव सभी कुछ है किन्तु आप में यह बताने की क्षमता नहीं है कि एक अच्छे जॉब के लिये समस्त आवश्यक गुण आप में है तो आपके सारे गुण बेकार सिद्ध हो जाते हैं। अच्छा रिज्यूम वह होता है जिसको पढ़ कर पढ़ने वाला प्रभावित हो जाने के लिये विवश हो जाये
    अतः जब कभी भी आप अपना रिज्यूम लिखें तो सबसे पहले स्वयं को उस विशिष्ट जॉब जिसके लिये आप आवेदन करने जा रहे हैं तथा जाब प्रदान करने वाले के द्वारा चाही गई आवश्यकताओं (requirements) के प्रति केन्द्रित कर लेना चाहिये।
    रिज्यूम लिखते समय ध्यान देने वाली आवश्यक बातें
    स्वयं के विषय में तथ्य तथा आँकड़े: एक आवेदक के तौर पर आप जाब प्रदान करने वाले को स्वयं के विषय में जानकारी ही देते हैं। अतः रिज्यूम लिखते समय आप अपने विषय में सारे तथ्य तथा आँकड़ों को संग्रहित कर लें। किसी अलग कागज पर सारे तथ्य तथा आँकड़ों को लिख लेना चाहिये ताकि कोई भी महत्वपूर्ण जानकारी छूट न जाये।
    व्यक्तिगत जानकारी: अपने रिज्यूम की शुरुवात अपने विषय में व्यक्तिगत जानकारी देने से करें। कागज के बाँयीं ओर वाली ऊपरी हिस्से (top left) में मोटे (bold) अक्षरों में अपना नाम टाइप करें। फिर अपना वर्तमान पूरा पता (यदि अस्थायी तथा स्थायी दो पते हैं तो दोनों ही), सम्पर्क विवरण जैसे कि फोन नम्बर, मोबाइल नम्बर, ई-मेल पता आदि की जानकारी दें। शीर्षक के रूप में 'RESUME', 'BIODATA' आदि टाइप करने की कोई आवश्यकता नहीं है। सिर्फ आपका नाम ही काफी है।
    विषय (Objective): विषय के रूप में एक संक्षिप्त कथन (statement) लिखें जो कि आपके रिज्यूम को पढ़ने वाले को आपके कैरियर के उद्देश्य (career goals) के बारे में जानकारी दे। विषय के अन्तर्गत निम्न बातें शामिल होनी चाहिये:
    एक सामान्य या विशिष्ट जाब टाइटिल जैसे कि 'कम्प्यूटर आपरेटर' 'ग्राफिक डिजाइनर' आदि।
    यदि चाहें तो अपनी योग्यताओं के विषय में विषय में अतिसंक्षिप्त जानकारी।
    शैक्षणिक योग्यताएँ: फिर इसके बाद अपनी शैक्षणिक योग्यताओं के विषय में पूर्ण जानकारी दें।
    विशेष योग्यताएँ: शैक्षणिक योग्ताओं के बाद अपनी विशेष योग्यताओं के विषय में जानकारी दें।
    अन्य योग्यताएँ: अपनी अन्य योग्यताओं जैसे कि कम्प्यूटर का ज्ञान, आधुनिक टेक्नालाजी के विषय में ज्ञान आदि के विषय में उल्लेख करना करें।
    अनुभवों का विवरण: आप वर्तमान में क्या कर रहे हैं, विगत वर्षों में आपने कब-कब क्या-क्या किया है, अन्य संस्थाओं में आपकी क्या उपलब्धियाँ रही हैं आदि की पूर्ण जानकारी अवश्य ही दें।
    अन्य गतिविधियाँ (Extra Caricular Activities): अपनी अन्य गतिविधियाँ जैसे कि खेल-कूद (sports), भाषण तथा वाद-विवाद प्रतियोगिता आदि में भी अपनी उपलब्धियों के विषय में अवश्य बतायें।
    समस्त प्रमाणपत्रों (certificates) की प्रतिलिपियाँ नत्थी करना बिल्कुल न भूलें।
    पूर्ण ईमानदारी (honesty) बरतें, कोई भी झूठी जानकारी न दें।
    हिज्जों तथा व्याकरण की गलतियाँ (spelling & grammatical mistakes) बिल्कुल न करें।
    स्वच्छता का पूरा पूरा ध्यान रखें।
    उचित समय में अपना आवेदन प्रस्तुत करें, अन्तिम तारीख तक प्रतीक्षा न करें।


सौजन्यः career.agoodplace4all.com

Monday, May 12, 2008

जानिये आपरेटिंग सिस्टम के बारे में...

किसी कम्प्यूटर को चलाने में आपरेटिंग सिस्टम (Operating System) की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण होती है। दरअसल यह हमारे तथा कम्प्यूटर के बीच एक माध्यम का कार्य करता है। कम्प्यूटर हमारी भाषा नहीं समझता, वह केवल मशीनी भाषा को ही समझता है जबकि हम कम्प्यूटर की भाषा को नहीं जानते। फिर हमारे और कम्प्यूटर के बीच सम्बंध को बनाये रखने वाला दुभाषिया कौन है? - यही अपना आपरेटिंग सिस्टम। यह हमारी भाषा को समझ कर उसे कम्प्यूटर की भाषा में बताता है और कम्प्यूटर की भाषा को हमारी भाषा में परिवर्तित कर के हमें समझाता है।

वैसे तो कोई भी व्यक्ति यह जाने बिना कि आपरेटिंग सिस्टम क्या है, कैसे कार्य करता है, इसकी उपयोगिता क्या है बड़ी आसानी के साथ कम्प्यूटर का प्रयोग कर सकता है किन्तु उसके लिये यह और भी अच्छी बात होगी कि वह इस बातों को जान ले।

आपरेटिंग सिस्टम क्या है

यह कहा जा सकता है कि कम्प्यूटर सिस्टम के हार्डवेयर रिसोर्सेस (Hardware Resources), जैसे- मेमोरी (Memory), प्रोसेसर (Processor) तथा इनपुट-आउटपुट डिवाइसेस (Input-Output Divices) को व्यवस्थित करने के लिये बनाया गया सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software) ही आपरेटिंग सिस्टम होता है। यह व्यवस्थित रूप से जमे हुए सॉफ्टवेयर्स का समूह होता है जो कि आंकडो (data) एवं निर्देश (commands) को नियंत्रित करता है। कम्प्यूटर के प्रत्येक रिसोर्स की स्थिति का लेखा - जोखा आपरेटिंग सिस्टम ही रखता है, आपरेटिंग सिस्टम ही निर्णय करता है कि किसका, कब और कितनी देर के लिए कम्प्यूटर रिसोर्स पर नियंत्रण होगा।

आपरेटिंग सिस्टम क्यों आवश्यक है

जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि आपरेटिंग सिस्टम हमारे तथा कम्प्यूटर के बीच एक माध्यम का कार्य करता है। इसके अलावा यह हार्डवेयर्स (Hardwares) तथा सॉफ्टवेयर्स (Softwares) के मध्य एक सेतु का कार्य भी करता है। आपरेटिंग सिस्टम के बिना कम्पयूटर का अपने आप मे कोई अस्तित्व ही नही है। यदि आपरेटिंग सिस्टम न हो तो कम्प्यूटर अपने हार्डवेयर्स जैसे कि कुंजीपटल (Keyboard), मानिटर (Monitor), सीपीयू (CPU) आदि के बीच कभी भी सम्बंध स्थापित नहीं कर पायेगा। आपरेटिंग सिस्टम किसी कम्प्यूटर प्रयोग करने वाले को इस जहमत से बचाता है कि वह कम्यूटर के समस्त भागो की जानकारी रखे।

आपरेटिंग सिस्टम के कार्य

आपरेटिंग सिस्टम अनेक प्रकार के उपयोगी कार्य करता है जिनमें से कुछ प्रमुख कार्य नीचे दिये जा रहे हैं:
  • फाइल पद्धति (File System) - फाइल बनाना, मिटाना तथा फाइलों को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाना और फाइल निर्देशिका को व्यवस्थित करना।

  • प्रक्रिया (Processing) - कार्यक्रमों (Programs) और आँकडों (Data) को मेमोरी मे बाँटना, प्रक्रिया (Process) को आरम्भ करके समुचित रूप से चलाना।

  • इनपुट/आउटपुट (input/output) - सीपीयू और मानिटर (Monitor), प्रिंटर (Printer), डिस्क (Disk) आदि के बीच मध्यस्थता करना।
आपरेटिंग सिस्टम के प्रकार

वैसे तो विभिन्न कालों में विभिन्न आपरेटिंग सिस्टमों का निर्माण हुआ पर प्रमुख रूप से प्रयोग किये जाने वाले लोकप्रिय आपरेटिंग सिस्टम की सूची नीचे दी जा रही है:
  • लिनक्स (Linux)
  • मैक एस (MacOS)
  • एमएस डाज (MS-DOS)
  • आईबीएम ओएश/2 (IBM OS/2)
  • यूनिक्स (Unix)
  • विन्डोज सीई (Windows CE)
  • विन्डोज 3.x (Windows 3.x)
  • विन्डोज 95 (Windows 95)
  • विन्डोज 98 (Windows 98)
  • विन्डोज 98 एस ई (Windows 98 SE)
  • विन्डोज एमई (Windows ME)
  • विन्डोज एनटी (Windows NT)
  • विन्डोज 2000 (Windows 2000)
  • विन्डोज एक्सपी (Windows XP)
  • विन्डोज व्हिस्टा (Windows Vista)
सौजन्यः आइये कम्प्यूटर सीखें।

Sunday, May 11, 2008

पीसी के रख-रखाव के लिये ध्यान देने योग्य बातें!

अधिकतर लोग कम्प्यूटर खरीद तो लेते हैं किन्तु उसके रख-रखाव के लिये कभी भी ध्यान नहीं देते। यहाँ पर हम कुछ उन छोटी छोटी बातों का उल्लेख करेंगे जिससे आपका पीसी हमेशा टिप-टॉप बना रहे।

  • वैसे तो कम्प्यूटर के लिये यूपीएस (UPS - Uninterrupted Power Supply) का इस्तेमाल करना ही चाहिये किन्तु यदि आपके क्षेत्र में अक्सर बिजली चली जाती है तो आप अपने कम्प्यूटर के लिये यूपीएस को अत्यावश्यक ही समझें।

  • हम अपने कम्प्यूटर के कैबिनेट, मॉनीटर, कीबोर्ड, माउस की सफाई तो प्रायः करते हैं किन्तु पीसी को ठंडा रखने वाले पंखे (cooling fans) की सफाई की ओर हमारा ध्यान जाता ही नहीं है जबकि यह सबसे अधिक आवश्यक कार्य है। यदि धूल, गंदगी आदि के कारण से पंखा चलना बंद हो गया तो आपके कम्प्यूटर के पॉवर सप्लाय, ग्राफिक्स कॉर्ड, सीपीयू (CPU - Central Processing Unit) को भारी क्षति पहुँचने का अंदेशा रहता है। इसलिये यदि आप अपने पीसी के पंखे की सफाई यदि स्वयं करना नहीं जानते तो समय समय पर (कम से कम तीन माह में एक बार) अपने सर्विस प्रोव्हाइडर से पंखे की सफाई करवाते रहिये।

  • अपने हार्डवेयर्स के लिये सही और नवीनतम ड्रायव्हर्स का ही प्रयोग करें। ड्रायव्हर्स के अपडेट हार्डवेयर बनाने वाली कंपनी के वेबसाइट में मुफ्त में उपलब्ध होता है।

  • अपने कम्प्यूटर को हमेशा सही अर्थिंग दें, दो पिन वाले प्लग प्रयोग न करें बल्कि अर्थिंग वाले तीन पिन वाले प्लग का ही प्रयोग करें। आवश्यक हो तो अपने इलैक्ट्रिशियन से चेक करवा लें कि सही अर्थिंग मिल रहा है या नहीं।
सौजन्यः आइये कम्प्यूटर सीखें!

Saturday, May 10, 2008

हैप्पी मदर्स डे

माँ जो कि दुनिया का सबसे छोटा शब्द है पर इसका ओहदा इतना बड़ा है कि माँ की तुलना भगवान से की जाती है। माँ जो हमें जन्म देती है और इतना काबिल बनाती है कि हम अपने पैरो पर खड़े हो सके। मुझे जब पहले मालूम नही था कि मदर्स डे भी मनाया जाता है तो मै हमेशा सोचती थी कि मम्मी लोगों के लिये कोई न कोई दिन होना चाहिये जिसे हम उनके नाम पर सेलिब्रेट कर सके पर जब पता चला तो मुझे बहुत खुशी हुई। मैनें अपनी मम्मी को गिफ्ट दिया और उनसे आशीर्वाद लिया। ये तो हुई पिछले साल की बात क्योंकि मुझे पिछले साल ही पता चला कि मदर्स डे मनाया जाता है इस साल भी मैं अपनी मम्मी को गिफ्ट दूंगी। आप भी अपनी मम्मी को सर्प्राइस गिफ्ट दीजियेगा और ये देखियेगा कि वो कितनी खुश हो जाती है। रिश्ता चाहे माँ-बेटे का हो या माँ-बेटी का होता तो एक ही है माँ सभी के लिये एक होती है।

तो भई, हफ्तों की थकान, महीनों की टेंशन और सारी चिंतायें भूलकर आज यानि 11 मई को मदर्स डे सेलिब्रेट कीजिये बड़े जोर-शोर से अपनी मम्मी को खुश कीजिये एक प्यारा सा तोहफा लीजिये और उन्हें देकर उनका आशीर्वाद और उनकी दुआयें प्राप्त कीजिये। कहते है माँ की दुआ हमेशा काम आती है तो फटाफट जाइयें कोई गिफ्ट कार्नर। एक प्यार सा गीत है जो माँ के लिये ही है

क्या आप सुनेंगे नहीं?




आप सभी को मदर्स डे की हार्दिक शुभकामनायें!!

मेरा ब्लोग महान!!!

अरे जनाब! क्या आप अपने ब्लोग की महानियत नही दर्शाना चाहते है? तो क्या करेंगे आप कि आप गर्व से कह सके - "मेरा ब्लोग महान!"
चलिये छोड़िये आप तो कुछ न कुछ करेंगे ही पर मै बेचारी लेखों की मारी क्या करुंगी कि कह सकूं "मेरा ब्लोग महान"। मैं ब्लोगवानी में आप सभी की अतरंग ब्लागर साथी बनकर रहना चाहती हूं। देखिये भई मैं आप लोगों की तरह श्रेष्ठ लिख्खाड़ तो नहीं हूं पर थोड़ा बहुत तो लिख ही लेती हूं, मुझे कोई विशेष रूचि नहीं थी लिखने-लिखाने में पर जब से अंतर्जाल से संबंध जुड़ा है इसकी ओर रूचि लेने लगी हूं। चुकिं मैं नई सदस्य हूं इसके लिये मुझे वेलकम रिस्पांस भी मिला है मुझे बहुत खुशी हुई, पर मैं बात कर रही थी कि मैं क्या करूंगी के मैं कह सकूं "मेरा ब्लोग महान"। मैंने इतना अनुभव किया है कि अगर ब्लोग में दुख से लेकर व्यंग्य तक की सारी साहित्यिक रचनाएँ और एक झक्कास शीर्षक हो तो लोग उसे पढने मे रूचि लेते है मै स्वयं भी आकर्षक शीर्षको और विशेष रुप से व्यंग्य शीर्षकों को देखकर सबसे पहले पढती हूं तो मैं अवश्य प्रयास करूंगी मेरा ब्लोग अभियान में पर लगता है आप तो प्रोसेस में है ठीक है लगे रहिये मेरा ब्लोग अभियान में!! मैं नई सदस्य हूं इसलिये कहना चाहती हूं कि हिन्दी ब्लॉगो को बढाने में मै संपूर्ण योगदान दूंगी और यह कोशिश भी करूंगी कि अधिक से अधिक ब्लोगर्स जुटा सकूं।

अरे!! अरे!! रुकिये कहाँ जा रहे है जाते-जाते बताइये तो जरा क्या आप कह सकते है -
"अंतर्जाल में ब्लोगवानी का जहान्।
जिसमें मेरा ब्लोग महान।"

Friday, May 9, 2008

चालू होते ही कम्प्यूटर क्या करता है!

byजी.के. अवधिया

जब आप स्टार्ट बटन (start button) दबा कर अपने कम्प्यूटर (computer) को चालू करते हैं तो कम्प्यूटर (computer) में सिलसिलेवार प्रक्रियाएँ आरम्भ हो जाती हैं जिसे कि बूटिंग (booting) के नाम से जाना जाता है। बूटिंग (booting) दो चरणों में होती है जिसके प्रथम चरण में कम्प्यूटर (computer) पॉवर-आन सेल्फ टेस्ट (Power-On Self Test) करता है अर्थात् स्वयं को जाँचता-परखता है और दूसरे चरण में आपरेटिंग सिस्टम (Operating System) को लोड (Load) करता है।

कम्प्यूटर (computer) के सभी अवयव सही-सही कार्य कर रहे हैं इस बात को परखने की एक श्रृंखलाबद्ध जांच प्रक्रिया (a series of tests) को पॉवर-आन सेल्फ टेस्ट (Power-On Self Test) कहा जाता है :

  1. सर्वप्रथम सी.पी.यू. (C.P.U.) अर्थात् सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (central processing unit) स्वयं को पुनर्स्थापित (reset) करता है।

  2. सी.पी.यू. (C.P.U.) स्वयं को जाँचता है और बयास (Bios) में स्थित मेमोरी (Memory) के प्रोग्राम्स (programs) को शुरू करता है।

  3. फिर बयास (bios) में स्थित कोड्स (codes) की सहायता से सभी घटकों (components) की जाँच करता है।

  4. फिर राइटिंग और रीडिंग (writing and reading) करके डीरैम (DRAM) की जाँच होती है।

  5. तत्पश्चात की-बोर्ड (keyboard) की जाँच होती है कि वह सही ढ़ंग से जुड़ा है या नही

  6. उसके बाद फ्लॉपी ड्राइव (floppy drive) और हार्ड ड्राइव (Hard drive)की जाँच की जाती है।

  7. फिर जाँच की जाती है कि माउस (mouse) जुड़ा है या नही।

  8. अंततः जाँच से प्राप्त डाटा (data) का बयास (bios) में कॉन्फिगर्ड डाटा (configured data) से मिलान किया जाता है।

  9. किसी भी प्रकार की गलती पाने पर कम्प्यूटर (computer) एरर मेसेज (error messege) देता है और यदि सभी कुछ ठीक-ठाक मिले तो आपरेटिंग सिस्टम (operating system) को लोड करने की प्रक्रिया आरंभ कर देता है।

आपरेटिंग सिस्टम (operating system) लोड होना

  1. सी.पी.यू. (C.P.U.) आपरेटिंग सिस्टम को फ्लॉपी (floppy), सी.डी. (CD) तथा हार्ड ड्राइव (hard drive) में खोजता है।

  2. आपरेटिंग सिस्टम के मिल जाने पर उसके भीतर स्थित बूट रेकार्ड को डीरैम (DRAM) में स्थानांतरित करता है।

  3. आपरेटिंग सिस्टम (operating system) के लोड हो जाने तक यह प्रक्रिया जारी रहती है।

  4. आपरेटिंग सिस्टम (operating system) पूर्णतः लोड हो जाने के बाद डेस्कटॉप दिखाई पड़ने लगता है और कम्प्यूटर (Computer) उपयोग करने लायक बन जाता है।

जी.के. अवधिया हिन्दी के प्रति समर्पित लेखक है उनका वेबसाइट है - हिन्दी वेबसाइट

Article Source: हिंदी वेबसाइट कृति निर्देशिका

Wednesday, April 30, 2008

स्किन का सौंदर्य

रोज क्या करें

  1. सुबह के हल्के ब्रेकफास्ट के बाद संतरे का जूस लें ताकि विटामिन ई और सी आपको मिल सके। प्रयास करें कि ब्रेकफास्ट में दलिया, इडली आदि हो।

  2. त्वचा को सुंदर और स्वस्थ बनाने के लिये पौष्टिक संतुलित आहार लें, अपने भोजन में सलाद को शामिल करें। ढ़ेर सारा तरल पदार्थ और फलों का रस, पानी पियें ताकि पेट साफ रहें। ऐसा करने से त्वचा सदा कांतिमय बनी रह सकती है।


  3. अपने दिन की शुरुआत शहद और नींबू मिले गुनगुने पानी को पीकर करें। यह हर्बल साधन पाचन-शक्ति को अच्छा रखने के साथ ऊर्जा प्रदान करता है। आप रहती हैं पूरे दिन तरोताजा।

  4. हमेशा नहाने के बाद बॉडी लोशन तथा मॉइस्चराइजर अवश्य लगायें।

  5. हर संभव त्वचा को धूप के सीधे संपर्क से बचायें। बाहर निकलते वक्त चश्मा, छतरी, कैप कुछ भी प्रयोग करें। सनस्क्रीन या सनब्लाक लगायें।

  6. सर्दी के मौसम में चेहरा बार बार धोने से त्वचा की की प्राकृतिक रक्षात्मक तैलीय चिकनाई निकल जाती है अत: इस क्रिया को बार बार न दोहरायें।

Tuesday, April 29, 2008

जुल्फों में बहार - हेयर कलर की बयार!!

आजकल अपने बालों को कलर करना एक नया ट्रेन्ड बन गया है और फैशन की इस बयार का असर सभी एज ग्रुप के लोगों पर होता दिख रहा है।

कुछ लोंग अपने लुक को और बेहतर बनाने के लिये बालों को नया रंग देते है, तो कुछ के लिये यह एक मजबूरी है क्योंकि उन्हें अपने सफेद हो रहे बालों को छिपाना होता है। पर उन दिनों जिस आयु वर्ग में लोंगों में यह सबसे अधिक लोकप्रिय हो रहा है। उसका उद्देश्य अपने बालों की सफेदी को छुपाना हरगिज नहीं है। अपने लुक को तुरंत बदलने के लिये हेयर कलरिंग सबसे प्रभावकारी तरीका है। बाजार में लगातार पॉपुलर होते इस त्रेन्ड को अच्छे तरीके से समझ रहा है और शायद यही वजह है कि अलग-अलग तरह के बाल और उसके टेक्सचर को ध्यान में रखते हुये कंपनियां हेयर कलर मार्केट में ला रहे है।

और हाँ! इस दौरान उपभोक्ता यानी आपकी सहुलियत का भी पूरा ध्यान जा रहा है और इसलिये लिक्विड फार्म से लेकर पाउडर फार्म के रुप तक में हेयर कलर मार्केट में उपलब्ध है। हेयर कलरिंग की वजह चूँकि सिर्फ सफेद बालों को काला करना नहीं है, इसलिये ब्राउन, गोल्डन, बरगंडी, मैरून, पर्पल, हनी ब्राउन चैरी आदि तमाम कलर लुक व पसंद के आधार पर मांग में बने हुये है। इसके अलावा रेड और ब्राउन कलर युवाओं के बीच सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। गोरे लोगों पर अच्छा लगता है, जबकि सामान्य त्वचा पर रेडिश और पर्पल शेडका हेयर कलर अच्छा लगता है। बालों को कलर करे, लेकिन कोशिश करें कि सूरज की रोशनी डाइरेक्टली आपके बालों के रेड टोन को और भी ज्यादा हाइलाइट करती है।

  • बालों को धोने के लिये शैम्पू का चुनाव सोच-समझकर करें। यदि कलर्ड बालों के लिये आने वाले विशेष शैम्पू का उपयोग किया जाये, तो बेहतर होंम, शैंपू करने या फिर स्वीमिंग के बाद बालों में कंडीशनर जरुर लगायें, नहीं तो बाल रूखे हो सकते है।
  • यदि आपके बाल दोमुहे है तो कलरिंग से पहले बालों की ट्रीमिंग जरुरी है।
  • यदि आप बालों को कलर करने की योजना बना रही हैं तो उससे 4-5 महीने पहले बालों में मेहंदी न लगायें।
  • यदि सिर में किसी भी तरह की चोट या खरोंच हो तो उसके ठीक होने के बाद ही हेयर कलरिंग करें।

Monday, April 28, 2008

स्टाइल के साथ करें मेडिटेशन (Maditation with Style)

योग व व्यायाम करने की सही विधि की जानकारी के साथ यदि आसपास का वातावरण और आउटफिट भी एक्सरसाइज के अनुरुप हो, तो एक्सरसाइज करना सकून भरा हो जाता है, आपकी ड्रेस आपकी एक्सरसाइज को स्पेशल बना देती है। विभिन्न प्रकार की एक्सरसाइज के साथ इन दिनों एक्सरसाइज स्पेशल केपरीज व टी-शर्ट बाजार में उपलब्ध है

मटेरियल

योग व मेडिटेशन के दौरान पहने जाने वाले कपड़े कंफर्टेबल होने के साथ खुले होने चाहिये। इससे व्यायाम के दौरान सांस लेने में आसानी होती है तथा शारीरिक मूवमेंट में किसी प्रकार की दिक्कत नही होती। जहां तक संभव हो सिंथेटिक कपड़े न पहनें। सिंथेटिक कपड़े नमी सोख नही पाते। इस तरह के फैब्रिक में त्वचा सांस नहीं ले पाती। कॉटन व होजरी के कपड़े पहनना बेहतर है। यह पसीने को आसानी से सोख लेते है। यह पसीने को आसानी से सोख लेते है तथा मेडिटेशन के दौरान कोइ दिक्कत नही होती।

ड्रेस

व्यायाम के दौरान आपकी ड्रेस ऐसी होनी चाहिये जो शरीर को कवर करने के साथ फ्री मूवमेँट में बाधा बने। व्यायाम के दौरान शरीर का तापमान बढ़ जाता है। ऐसे में बहुत सारे कपड़े पहनना असुविधाजनक हो सकता है। वैसे आप सूट-सलवार पहनकर एक्सरसाइज कर सकती हैं, लेकिन टी शर्ट ट्राउजर पहनना अधिक सुविधाजनक होता है। टी शर्ट अधिक खुली नहीं नही होनी चाहिये। स्ट्रचेबल फैब्रिक से बनी टीशर्ट व्यायाम के दौरान पहनने के लिये उपयुक्त होती है।


पैरों में ट्रैक पैंट या किसी भी तरह की एक्सरसाइज पैंट पहन सकती है। बशर्ते मूवमेंट के दौरान किसी प्रकार की दिक्कत न हो। वैसे आपकी ड्रेस वातावरण की स्थिति और आप किस तरह की एक्सरसाइज करती हैं, उस पर भी निर्भर करती है, तो उसके लिये हल्के व कम कपड़े पहनना कंफर्टेबल रहेगा। कुछ महिलायें ध्यान करते समय शॉल लेना पसंद करती है। एक्सपर्ट के अनुसार सिल्क से बनी शॉल में ध्यान केंद्रित करने में आसानी होती है। पैरों के लिये खुली कैपरी, हैरम या बैलुन पैंट पहनना भी मेडिटेशन के लिये पूरी तरह से अनुकुल है। एक्सरसाइज के दौरान हमेशा आरामदायक स्नीकर पहनें। सही तरह के शूज पहनने से आपके जोड़ों पर दबाव कम पड़ेगा

एसेसरीज

मेडिटेशन के दौरान लेदर, प्लास्टिक, रबड़, सिंथेटिक और मेटल से बनी एसेसरीज से परहेज करें। बेल्ट, चेन व इयरिंग में बी सिंथेटिक मेटीरियल का इस्तेमाल न करें। वैसे आउटफिट को रंग-बिरंगा बनाने के लिये आप कलरफुल हेयर बैंड, कपड़े की वेलट और बैग आदि उपयों में ला सकती हैं ध्यान रखें कि आपके बाल सही तरीके से बंधे हों।

चाहें तो क्लिप्स व हेयर बैंड भी इस्तेमाल कर सकती हैं।

Saturday, April 19, 2008

मेकअप बदलती पसंद


सभी चाहते हैं कि उनके विवाह में सबका ध्यान उनकी तरफ हो पर खूबसूरत दिखने के लिये केवल मेकअप ही काफी नही हैं। विवाह के कुछ दिन पहले से करे अपनी सही देखभाल और पायें सबकी आँखों में अपने लिये तारीफ की चमक...........



ग्लॉसी मेकअप



ब्राइडल मेकअप तो डार्क होता ही है पर मैट के स्थान पर शिमर लुक लिये ग्लॉसी मेकअप एक बार फिर लोंगों की पसंद बनता जा रहा है। ठंड मे वेट लुक वाला मेकअप भी बेहद खूबसूरत लगता है।

हेयर एक्सेसरीज


एक तरफ जहां गजरा फैशन के बाहर होता जा रहा है, वही अन्य ताजे फूलों का बालों में सजाना लड़कियों की पसंद बन रहा है। आमतौर पर बुके आदि में इस्तेमाल किये जाने वाले इन फूलों की बालों में सजावट दुल्हन को एक अलग ही गेटअप देती है। लंबी चोटियों का स्थान आकर्षक जूड़ों ने ले लिया है। कर्ल किये बालों के ऊपर गोल्डन फिलर्स को ऐसे अंदाज में सजाया जा रहा है कि वे केश में पिरोये घुंघरुओं वाला लुक देते है।

फीचर करेक्शन


लोग लुक्स को लेकर काफी जागृत हो गयें है। फीचर करेक्शन कि जरिये साधारण नैन-नक्श को तीखे नैन-नक्श में परिवर्तित किया जा सकता है। जैसे आपके फूलें गाल हैं तो मेकअप के जरिये उन्हे छुपाया जा सकता है।

बिंदी


माथे के श्रंगार के लिये इन दिनो स्टकिंग बिंदिया या स्टोन्स इस्तेमाल किये जा रहे है। ज्यादातर दुल्हनें केवल एक बड़ी बिंदी ही लगाना पसंद कर रही है। यह बिंदी भी लंबी पसंद की जा रही है। कम्प्युटराज्ड कटिंग की ये बिंदियां बड़े मांग टीके के साथ लुभावनी लगती है।

मांग टीका


दुलहन का मां टीका भी अंदाज बदल रहा है। पहले नाजुक मांग टीके दुल्हन की पसंद हुआ करते थे, अब भारी टीकों की फरमाइश रहती है।

आई मेकअप


इन दिनों शिमर व शाइन मेकअप का ट्रेंड है, इसलिये आई मेकअप शोख होना चाहिये तभी जंचता है। आखों को चमकदार बनाने के लिये पिंक शिमर का प्रयोग किया जाता है। चाहें तो मल्टी शिमर ले सकते है। आखों को बड़ा दिखाने के लिये वाटरप्रूफ काजल का प्रयोग करें।

स्किन का सौंदर्य




रोज क्या करें



  1. सुबह के हल्के ब्रेकफास्ट के बाद संतरे का जूस लें ताकि विटामिन ई और सी आपको मिल सके। प्रयास करें कि ब्रेकफास्ट में दलिया, इडली आदि हो।


  2. त्वचा को सुंदर और स्वस्थ बनाने के लिये पौष्टिक संतुलित आहार लें, अपने भोजन में सलाद को शामिल करें। ढ़ेर सारा तरल पदार्थ और फलों का रस, पानी पियें ताकि पेट साफ रहें। ऐसा करने से त्वचा सदा कांतिमय बनी रह सकती है।


  3. अपने दिन की शुरुआत शहद और नींबू मिले गुनगुने पानी को पीकर करें। यह हर्बल साधन पाचन-शक्ति को अच्छा रखने के साथ ऊर्जा प्रदान करता है। आप रहती हैं पूरे दिन तरोताजा।


  4. हमेशा नहाने के बाद बॉडी लोशन तथा मॉइस्चराइजर अवश्य लगायें।


  5. हर संभव त्वचा को धूप के सीधे संपर्क से बचायें। बाहर निकलते वक्त चश्मा, छतरी, कैप कुछ भी प्रयोग करें। सनस्क्रीन या सनब्लाक लगायें।


  6. सर्दी के मौसम मेां चेहरा बार बार धोने से त्वचा की की प्राकृतिक रक्षात्मक तैलीय चिकनाइ निकल जाती है अत: इस क्रिया को बार बार न दोहरायें।


Thursday, April 17, 2008

जानवरों के बारे में विशेष जानकारी (special information about animals)



क्या आप जानवरों के बारे मे जानते है?
  • कंगारू के रक्त में बिल्कुल भी कालेस्ट्राल नहीं होता।

  • उल्लू अपनी गर्दन घुमाकर पीछे की ओर भी देख सकता है। इसकी नजर मनुष्य से सौ गुना तेज होती है।

  • नर घोडा के 40 दाँत होते है।

  • क्राउंड स्विफ्ट नामक पक्षी (Bird) का घोसला लगभग डेढ़ इंच का होता है।

  • स्तनधारी जीवों में सबसे छोटी पूंछ वाला श्रयु जीव (Creatures) बहुत विषैला होता है।

क्या आप जानवरों के बारे मे जानते है? (हिन्दी वेबसाइट!)
  • चिली देश की मुर्गी (Hen) नीले रंग का अंडा देती है।

  • जैली फिश (Jelly fish) जंतु छतरी के समान दिखाई देती है।

  • विश्व मे सबसे कम ताप का रक्त वाला जीव आस्ट्रेलिया का चीटीखोर हैं।

  • घोड़ा (Horse) अपने वजन से पाँच गुना अधिक बोझ खींच सकता है।

  • घरेलू मक्खी (Bee) से करीब 30 बीमारियां हो सकती है।

जानवरों के बारे में विशेष जानकारी!

  • ऊथवार्क गोबी विश्व की सबसे छोटी मछली (fish) है।

  • बया चिड़िया (a bird) अपना घोसला बनाने के जुगनुओं (glowworms) का प्रयोग करती है।


  • नर पेंग्विन (he penguin) अंडे से बच्चा निकलने तक अर्थात् पूरे दो महीने तक भूखा प्यासा रहता है।।

  • ब्ल्यू व्हेल (blue whale) की सीटी सभी जानवरों में सबसे तेज होती है।

  • धरती पर मौजूद जीवों में चिंपांजी (chimpanzee) एकमात्र ऐसा जीव है जो आईने में अपना चेहरा देखता है।


(स्रोत)

Sunday, April 13, 2008

सुंदर नाखून - स्वस्थ दाँत

नारी के पास सुंदरता के साथ सुंदर नाखून (Nail) एवं स्वस्थ दाँत भी हों तो उसके सौंदर्य में चार चाँद लग जाता है। नाखून (Nail) तथा दाँत का अपना अलग ही महत्व है। सुंदर चेहरा, लम्बे केश, आकर्षक शरीर सभी कुछ होने के बावजूद भी यदि सुंदर नाखून (Nail) एवं स्वस्थ दाँत न हो तो सौन्दर्य में फीकापन आ जाता है।

नाखून (Nail) की सुंदरता और दाँतो के स्वास्थय के लिये क्या करें

    महिला मंडल
  1. सप्ताह में एक बार चुटकी भर बेकिंग सोडा या नमक से दाँतो को साफ करने से दाँत सफेद तथा चमकदार हो जाते है।

  2. कॉटनवूल को हाइड्रोजन परआक्साइड में भिगोकर दाँतों पर मलने से दांतो का पीलापन दूर होता है।

  3. हफ्ते में दो बार दाँतों को सूखे तेजपत्ते से हल्के हाथों द्वारा रगड़ने से दाँतो की चमक बढ़ती है।

  4. महिला मंडलनाखून (Nail) को लम्बे और मजबूत बनाने के लिये प्रतिदिन रात में हल्के गर्म बादाम के तेल और नींबू के रस के मिश्रण में दस से पन्द्रह मिनट तक भिगोये रखें फिर हल्का मसाज करके टिसू पेपर से पोंछ लें तथा दूसरे दिन सुबह साफ पानी से उन्हें साफ करें।

  5. नाखून (Nail) की चमक और मजबूती कैल्शियम तथा जिलेटिन से बढ़ती है। अत: हर रोज एक टेबल स्पून जिलेटिन एक कप ठंडे दूध में मिलाकर लें।

सौन्दर्य में है शक्ति

फेशियल वर्कआउट्स

हो सकता है, वर्कआउट्स करना आपके लिये कोई नई बात न हो, लेकिन चेहरे को टोन अप करना के लिये कभी आपने वर्कआउट्स किये है? शायद नहीं! कुछ फेशियल वर्कआउट्स वाकई लाभकारी हैं। इससे चेहरे के साथ-साथ बॉडी को भी आराम मिलता है और यंगर लुक पाने का भी यह एक अच्छा जरिया है। इसमें चेहरे के हर हिस्से के लिये अलग-अलग स्टेप्स हाते हैं।

मुँह के कोने का हिस्सा



स्टेप 1 मुँह के दोनों कोनों पर अपनी दो-दो अंगुलियां रखें

और होठों को कानों की तरफ खींचे।

स्टेप 2 होंठों को सिकोड़े और बाहर की ओर निकालने का प्रयास करें।
इस मुद्रा में दस गिनने तक रहें।

स्टेप 3 इस एक्सरसाइज को दस बार दोहराएं।
इसे करने से मुंह के कोने का हिस्सा शार्प होता है।

आई मसल्स


स्टेप 1 अपने दोनों हाथों की अंगुलियों को अपनी आखों के कोने पर रखें।

स्टेप 2 आखों को अच्छी तरह से बंद करले और फिर खोलें।

स्टेप 3 आखों की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिये
इस प्रक्रिया को दस बार दोहराएं।

चिन मसल्स



स्टेप 1 अपने होंठों के नीचें ठोड़ी पर तीन अंगुलियां रखें

स्टेप 2 निचले होंठों को नीचे की तरफ खींचने का प्रयास करें।

स्टेप 3 निचले होंठ को मुँह के अंदर लें और नीचे अंगुलियों से ठोड़ी
को खीचनें का प्रयास करें। ऐसा दस बार दोहराएं।

डबल चिन


स्टेप 1 अपनी जीभ के टिप को अपने मुंह के टिप से दबाएं।

स्टेप 2 एक येलो बॉल को चिन के नीचे रखकर ऊपर की ओर दबायें।

स्टेप 3 तीन गिनने तक इसी मुद्रा में रहें।
डबल चिन घटाने के लिये ऐसा दस बार करें।

चिक लिफ्ट


स्टेप 1दो अंगुलियों को अपनी चिन के नीचे रखें और उसे एक तरफ खीचें।

स्टेप 2 एक्सरसाइज बॉल अपने दूसरे गाल पर रखें।।

स्टेप 3 बॉल को कानों की ओर रेज करें।
ताकि चिक मसल्स लिफ्ट हों। दस गिनने तक इसी मुद्रा में रहें।
इस प्रक्रिया को दस बार दोहरायें। इस एक्सरसाइज से बॉडी डिस्ट्रेस और डिटॉक्स होती है।

सौंदर्य के आयुर्वेदिक मूलमंत्र (Ayurvedi Beauty Tips)

  • बेजान त्वचा बहुतबार त्वचापर आवश्यक तेल की कमी से चेहरा रूखा तथा बेजान दिखने की समस्यायें आती है। ग्लो याने चमकना सिमला उटी लेप हरहोज सुबह इस्तेमाल करने से ग्लो जरूर देखने को मिलता है।

  • अच्छा दिखने का समय हर एक की जिंदगी मे यह समय आ सकता है। सेफ्रोजाल, कुंकमादि, जीरा केअर, सेफ्रोमा यह चौसुत्री त्वचा के लिये विशेष गुणकारी है।

  • उत्तम शैम्पू अच्छा शैम्पू उसे कहते है, जो ज्यादा तेल ना सोखे। स्मार्ट ग्लो कोरफड युक्त शैम्पू उसे मॉइश्चायरिंग गुनो के कारण ज्यादा लोकप्रिय हुआ है। पुरुष वर्ग तो यह शैम्पू हररोज इस्तेमाल कर सकते है।

  • हररोज सोते समय फ्रूट स्पेशलिटि से चेहरा साफ करें। आत्मंडहनी लोशन लगाये। रोज १ ग्रिन-एक्स कँपसूल ले। आयुनुसार आने वाली थकान त्वचा पर नहीं दिखेगी।

  • पैरों की जलन बहुत तकलिफदेह ऐसा यह प्रकार झिनलेप नामक मलहम रात में सोते समय पैरो पे मलते रहने से बहुत आराम मिलता है।

  • जलवा दिखा दे सवेरे सिमला उटी लेप, रात में, निशा हर्बल कुकुमुंदि तेल, सेफ्रोमा, सप्ताह में एक बार, बाहर से आने पर फ्रूट स्पेशिलिटी क्लिजिंग वापरते रहीये और किसी भी मौके पर अपने अप्रतीम सौंदर्य से इंप्रेशन मारीये।।

Friday, April 11, 2008

भारतीय महिला (Indian Women)

यद्यपि भारतीय समाज में महिलाओं (women) का दर्जा अलग-अलग समय में अलग-अलग तरह का रहा है किन्तु यह भी सत्य है कि अत्यन्त प्राचीन युग से ही भारतवर्ष में महिलाओं (women) का उच्च स्थान रहा है। वे लक्ष्मी, सरस्वती, दुर्गा, काली आदि देवियों के रूप में पूजी जाती रही हैं। पतञ्जलि तथा कात्यायन की कृतियों में स्पष्ट उल्लेख है कि वैदिक युग में शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं का समानाधिकार था। ऋग् वेद की ऋचाएँ बताती हैं कि महिलाओं को अपना वर चयन करने का पूर्ण अधिकार था और उनका विवाह पूर्ण वयस्क अवस्था में हुआ करता था।

किन्तु मध्यकाल महिलाओं की सामाजिक प्रतिष्ठा का पतन काल रहा। बाल विवाह, सती प्रथा, विधवा-विवाह का निषेध आदि कुप्रथाएँ मध्ययुग की ही देन हैं। भारतीय उपमहाद्वीप में मुसलमानों का अधिकार हो जाने पर परदा प्रथा और राजपूतों के पराजय ने जौहर प्रथा को जन्म दिया।

इन सबके बावजूद भी महान महिलाओं का उदय होता ही रहा। रजिया सुल्तान दिल्ली की गद्दी पर बैठकर पूरे हिन्दुस्तान की मलिका बनीं। गोंड महारानी दुर्गावती ने 15 वर्षों तक शासन किया। चाँद बीबी ने मुगलों के आक्रमण से अहमदनगर की रक्षा की। ऐसे और भी कितने ही उदाहरण मिल जायेंगे।

ब्रिटिश काल में राजा राममोहन राय, ईश्वर चंद्र विद्यासागर, ज्योतिराव फुले जैसे लोग नारी की स्थिति को पुनः सँवारने के प्रयास में जुट गये। सन् 1829 में राजा राममोहन राय के प्रयास से सती प्रथा का अन्त हुआ। ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने विधवाओं की स्थिति में सुधार तथा विधवा विवाह का आरम्भ के लिये जेहाद छेड़ दिया परिणामस्वरूप सन् 1856 में विधवा पुनर्विवाह अधिनियम बना।

स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् भारतीय महिलाओं की स्थिति में द्रुत गति से सुधार होना आरम्भ हो गया। वे शिक्षा, संस्कृति, विज्ञान, तकनीकी, राजनीति, मीडिया, सर्विस सेक्टर आदि सभी क्षेत्रों में समान रूप से भाग लेने लगीं। औरतों तथा पुरुषों का पूर्ण रूप से समान दर्जा हो गया।

आज तो आधुनिक महिलाएँ सभी क्षेत्रों में पुरुषों से आगे निकल जाने की होड़ में लग गईं हैं।