Monday, June 9, 2008

क्या सोचते है आप बालश्रम के बारे में...

बालश्रम देश के लिये एक गंभीर समस्या है और चुनौती भी। क्या इस गंभीर सम्स्या का कभी अंत होगा? कब खतम होगी ये प्रथा? क्या सारे गरीब बच्चे मजबूर ही रहेंगे काम करने को? क्या कभी उनको आम बच्चों की तरह खेलने को खिलौने, खाने को स्वादिष्ट उनके मनपसंद भोजन, आगे बढकर आसमान छूने के लिये शिक्षा का सहारा मिलेगा? यही सब बाते सोचने में आई जब मुझे एक परियोजना बनाने का मौका मिला और शीर्षक यही था "बालश्रम एक गंभीर समस्या।"

जब मैनें इसके बारे में सोचा और कई होटलों, ढाबों, घरों में छोटे बच्चों को काम करते हुये देखा तो अपने आप ही मन में इस विषय के बारे में ये सारे सवाल उठने लगे। वे बच्चे जो भारत का भविष्य है, गरीबी की कैद में जकड़े लाचार दूसरों की गुलामी और भीख मांगने को मजबूर है इस तरह तो आने वाले भारत के भविष्य की नींव ही खोखली हो रही है। कहते है बच्चे भगवान का रूप होते है पर मैनें देखा है कि एक नागरिक जो कि बहुत गरीब है जिसके पास खाने के लिये दो वक्त की रोटी भी नहीं है वो खुद तो काम करता है पर साथ ही अपने बच्चों को भी काम करवाता है।

जिस उम्र में बच्चों को शिक्षा, भोजन, संस्कार और परिवार के प्यार की जरूरत होती है उस समय वह किसी दूसरे के घर में काम करते हुये भी गाली खाता है जिसका असर उस पर और उसकी आनी वाली जिंदगी पर भी पड़ता है। माना कि सरकार इन गरीब बच्चो के लिये कुछ कर रही है पर इस समस्या को पूर्ण तरीके से खत्म करने में अब भी असफल है।

यह समस्या भारत को विकासशील देश से विकसित देश बनाने में बहुत बड़ी रूकावट है। मेरी कामना यह है कि इस समस्या को खत्म करने में भारत का हर नागरिक एकजुट होकर निदान निकालें।

क्या आप चाहते है कि छोटे प्यारे बच्चे उच्च शिक्षा सुविधायें प्राप्त करने के बजाय दूसरों के घर में काम करते नजर आयें। कई लोग तो यह भी कहते है कि यह भारत की मजबूरी है।

मुझे बहुत दुःख होता है जब मैं प्यारे नन्हें बच्चों को काम करते हुये देखती हूं। मुझे उस दिन का इंतजार है जब यही बच्चे हमारे भारत को इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षर से लिखने और विकसित देश कहलाने के काबिल बनायेंगे।

आप क्या सोचते है इस समस्या के बारे में? इस विषय पर सभी से चर्चा कीजिये इस समस्या को खत्म करने में अपना योगदान दें।

देखिये ये आंखे भर आयेंगी....

3 comments:

Unknown said...

बहुत अच्छे विचार हैं आपके, जरूर यह समस्या दूर होना चाहिये, लेकिन कैसे? जब तक जनसंख्या (और प्रकारांतर से गरीबी) कम नहीं होगी, यह समस्या हल होने वाली नहीं है, साथ ही फ़िल्मों मे काम करने वाले भी बाल श्रमिक ही तो हैं जैसे दर्शील सफ़ारी :) आदि

डॉ .अनुराग said...

मुफलिसी ओर अशिक्षा दो ही सबसे बड़ी बीमारी है हमारे देश की...अगर एक सम्पान परिवार भी किसी गरीब बच्चे की शिक्षा का जिम्मा ले ले ....

Udan Tashtari said...

दीर्घकालिक सजग प्रयास की आवश्यक्ता है. आपका आलेख भी इसी प्रयास की कड़ी है. आभार. ऐसे ही लिखते रहें.