Friday, May 9, 2008

चालू होते ही कम्प्यूटर क्या करता है!

byजी.के. अवधिया

जब आप स्टार्ट बटन (start button) दबा कर अपने कम्प्यूटर (computer) को चालू करते हैं तो कम्प्यूटर (computer) में सिलसिलेवार प्रक्रियाएँ आरम्भ हो जाती हैं जिसे कि बूटिंग (booting) के नाम से जाना जाता है। बूटिंग (booting) दो चरणों में होती है जिसके प्रथम चरण में कम्प्यूटर (computer) पॉवर-आन सेल्फ टेस्ट (Power-On Self Test) करता है अर्थात् स्वयं को जाँचता-परखता है और दूसरे चरण में आपरेटिंग सिस्टम (Operating System) को लोड (Load) करता है।

कम्प्यूटर (computer) के सभी अवयव सही-सही कार्य कर रहे हैं इस बात को परखने की एक श्रृंखलाबद्ध जांच प्रक्रिया (a series of tests) को पॉवर-आन सेल्फ टेस्ट (Power-On Self Test) कहा जाता है :

  1. सर्वप्रथम सी.पी.यू. (C.P.U.) अर्थात् सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (central processing unit) स्वयं को पुनर्स्थापित (reset) करता है।

  2. सी.पी.यू. (C.P.U.) स्वयं को जाँचता है और बयास (Bios) में स्थित मेमोरी (Memory) के प्रोग्राम्स (programs) को शुरू करता है।

  3. फिर बयास (bios) में स्थित कोड्स (codes) की सहायता से सभी घटकों (components) की जाँच करता है।

  4. फिर राइटिंग और रीडिंग (writing and reading) करके डीरैम (DRAM) की जाँच होती है।

  5. तत्पश्चात की-बोर्ड (keyboard) की जाँच होती है कि वह सही ढ़ंग से जुड़ा है या नही

  6. उसके बाद फ्लॉपी ड्राइव (floppy drive) और हार्ड ड्राइव (Hard drive)की जाँच की जाती है।

  7. फिर जाँच की जाती है कि माउस (mouse) जुड़ा है या नही।

  8. अंततः जाँच से प्राप्त डाटा (data) का बयास (bios) में कॉन्फिगर्ड डाटा (configured data) से मिलान किया जाता है।

  9. किसी भी प्रकार की गलती पाने पर कम्प्यूटर (computer) एरर मेसेज (error messege) देता है और यदि सभी कुछ ठीक-ठाक मिले तो आपरेटिंग सिस्टम (operating system) को लोड करने की प्रक्रिया आरंभ कर देता है।

आपरेटिंग सिस्टम (operating system) लोड होना

  1. सी.पी.यू. (C.P.U.) आपरेटिंग सिस्टम को फ्लॉपी (floppy), सी.डी. (CD) तथा हार्ड ड्राइव (hard drive) में खोजता है।

  2. आपरेटिंग सिस्टम के मिल जाने पर उसके भीतर स्थित बूट रेकार्ड को डीरैम (DRAM) में स्थानांतरित करता है।

  3. आपरेटिंग सिस्टम (operating system) के लोड हो जाने तक यह प्रक्रिया जारी रहती है।

  4. आपरेटिंग सिस्टम (operating system) पूर्णतः लोड हो जाने के बाद डेस्कटॉप दिखाई पड़ने लगता है और कम्प्यूटर (Computer) उपयोग करने लायक बन जाता है।

जी.के. अवधिया हिन्दी के प्रति समर्पित लेखक है उनका वेबसाइट है - हिन्दी वेबसाइट

Article Source: हिंदी वेबसाइट कृति निर्देशिका

4 comments:

दिनेशराय द्विवेदी said...

तृप्त हुए तृ्प्ति के इस पृष्ट को पढ़ कर। जो कुछ इस से सीखा वह कोई चौदह वर्ष का गुरू ही सिखा सकता था। बड़े गुरु तो पहेलियों में बात करने लगते हैं। इतना विस्तार से कभी नहीं बताते। आप ऐसे ही ज्ञान बिखेरती रहें।
यह वर्ड वेरीफिकेशन हटा दें तो अच्छा है इस के स्थान पर टिप्पणी मोडरेशन रख लें। इस से टिप्पणी करने वाले को हिन्दी से अंग्रेजी में जाना पड़ता है।

Kirtish Bhatt said...

चलो हमें पता तो चला ये कंप्यूटर चालू होने के पहले क्या खटर-पटर करता रहता है :)
उपयोगी जानकारी है

अनुनाद सिंह said...

जानकारी अच्छी लगी।

विजयशंकर चतुर्वेदी said...

मेरे जैसे कम्यूटर ज्ञानशून्य व्यक्ति के लिए यह 'क' का सबक है. कम्यूटर ज्ञान कराने की इससे अच्छी शैली हो ही नहीं सकती. उम्मीद है आप मुझे कम्प्यूटर के 'ज्ञ' तक पहुंचाएंगी. बहुत-बहुत धन्यवाद!
मैं दिनेशरायजी की राय से अक्षरशः सहमत हूँ.